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Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा में गोबर से दौड़ेगी गाड़ी, जलपुरा गोशाला में पहला CBG प्लांट शुरू

Biogas Plant: ग्रेटर नोएडा में पहला कंप्रेस्ड बायो गैस प्लांट प्राधिकरण से संचालित जलपुरा स्थित गोशाला में बनेगा. करीब 20 करोड़ रुपये की लागत से यह प्लांट एक साल में बनकर तैयार हो जाएगा.

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Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा में गोबर से दौड़ेगी गाड़ी, जलपुरा गोशाला में पहला CBG प्लांट शुरू
Zee Media Bureau|Updated: Aug 05, 2025, 07:22 PM IST
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Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा का पहला कंप्रेस्ड बायो गैस प्लांट प्राधिकरण से संचालित जलपुरा स्थित गोशाला में बनेगा. गोवंशों के गोबर से चलने वाले 50 टन हर रोज क्षमता के इस प्लांट का दादरी विधायक तेजपाल नागर, भाजपा जिलाध्यक्ष अभिषेक शर्मा और ACEO श्रीलक्ष्मी वीएस ने शिलान्यास किया. करीब 20 करोड़ रुपये की लागत से यह प्लांट एक साल में बनकर तैयार हो जाएगा. इसका पूरा खर्च निर्माणकर्ता एजेंसी वहन करेगी.

गोवंशों की हो रही अच्छी देखभाल- तेजपाल नागर
शिलान्यास के मौके पर गोशाला पहुंचे दादरी विधायक तेजपाल नागर ने कहा कि गोमाता की सेवा करना बहुत पुण्य का काम होता है. यहां के गोवंशों को देखकर ऐसा लगता है कि अच्छी देखभाल हो रही है. विधायक ने कहा कि गोवंशों के गोबर से चलने वाले कंप्रेस्ड बायो गैस प्लांट से कई फायदे होंगे. गोबर प्रोसेस होने से ईंधन भी मिलेगा और इससे आमदनी भी होगी, जिससे गोशाला के संचालन में मदद मिलेगी. इस प्लांट को बनाने में प्राधिकरण का पैसा भी नहीं लग रहा. उन्होंने इस पहल के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के CEO एनजी रवि कुमार, ACEO श्रीलक्ष्मी वीएस, ओएसडी गिरीश कुमार झा और जीएम आरके भारती सहित अन्य अधिकारियों के प्रयासों की सराहना की.

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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की ACEO श्रीलक्ष्मी वीएस ने बताया कि 1 साल में यह प्लांट बनकर तैयार हो जाएगा. 50 टन प्रतिदिन गोबर को प्रोसेस करने की क्षमता होगी. गोशाला से निकलने वाला गोबर इसी प्लांट में प्रोसेस हो जाएगा. गोबर को प्रोसेस करने का प्लांट लगने से ग्रीन इंडिया क्लीन इंडिया मुहिम को भी बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने पशुपालकों से अपील भी की है कि गोबर को नालियों या फिर सीवर प्वाइंट में न डालें. इससे सीवर जाम की समस्या हो रही है. निर्माणकर्ता एजेंसी एस 3 फ्यूल प्राइवेट लिमिटेड के को-फाउंडर विरल शाह ने बताया कि ग्रेटर नोएडा में यह पहला प्लांट है. इससे मिलने वाली गैस का इस्तेमाल खाना बनाने या वाहनों के ईंधन के रूप में हो सकेगा. आईजीएल से इस पर बातचीत चल रही है.

Input- BHUPESH PRATAP

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