Noida News: शुक्रवार को नोएडा प्राधिकरण ने सेक्टर-91 पंचशील बालक इंटर कॉलेज में होटल, रेस्टोरेंट, अस्पताल, स्कूल, मार्केट एसोसिएशन और आरडब्ल्यूए/एओए के प्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित की. यह सभी बल्क वेस्ट जनरेटर (बीडब्ल्यूजी) की श्रेणी में आते हैं. यह बैठक इसलिए रखा गया, ताकि उन्हें स्वच्छता मानकों और उनकी जिम्मेदारियों से अवगत कराया जा सके. इस साल नोएडा शहर स्वच्छ सर्वेक्षण 2025 में गार्बेज फ्री सिटी की 7-स्टार रैंकिंग मिल सके. इस बैठक में जन स्वास्थ्य महाप्रबंधक एसपी सिंह सहित कई बड़े अधिकारी मौजूद थे.
की जाएगी कार्रवाई
अधिकारियों ने कहा कि, जिन संस्थानों और प्रतिष्ठानों से रोज 100 किलो या उससे अधिक कचरा उत्पन्न होता है. उन्हें अपने परिसर में कम्पोस्ट प्रोसेसिंग यूनिट लगाना जरूरी होगा. यह निर्देश विशेष रूप से होटल, रेस्टोरेंट, स्कूल, अस्पताल, मार्केट और आवासीय सोसाइटी पर लागू होता है. प्राधिकरण ने सभी बल्क वेस्ट जनरेटर्स को आने वाले 15 दिनों का समय दिया है.अगर 15 दिन में कम्पोस्ट यूनिट स्थापित नहीं की गई, तो संबंधित संस्थानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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मिला 3 स्टार
इतना ही नहीं, 15 दिन बाद से कचरा इकट्ठा करने वाली प्राधिकरण की अनुबंधित एजेंसी मेसर्स एजी एनवायरो भी उनका कचरा उठाना बंद कर देगी. प्राधिकरण ने यह भी कहा कि यदि किसी क्षेत्र में निर्माण एवं ध्वस्तीकरण (सीएंडडी) वेस्ट दिखाई दे तो नागरिक उसकी सूचना हेल्पलाइन नंबर 18008919657 पर दे सकते हैं. नोएडा ने साफ सफाई के क्षेत्र में बीते कई वर्षों में लगातार ऊपर ही आया है. 2018 में रैंक 324 थी, जो 2019 में 150 पर पहुंची और नोएडा को उत्तर प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त हुआ. 2019 में नोएडा को गार्बेज फ्री सिटी कैटेगरी में 3 स्टार और ओडीएफ++ की मान्यता मिली. वहीं, 2020 में 25वीं रैंक, 2021 में 4वीं रैंक और नोएडा को क्लीनस्ट मीडिया सिटी और 5 स्टार गार्बेज फ्री सिटी का दर्जा मिला. 2022 में 5वीं रैंक और बेस्ट सेल्फ सस्टेनेबिलिटी अवॉर्ड 2023 में वाटर प्लस रैंकिंग प्राप्त करने वाला उत्तर प्रदेश का पहला शहर बना. अब नोएडा प्राधिकरण का लक्ष्य है कि वर्ष 2025 के स्वच्छ सर्वेक्षण में 7-स्टार गार्बेज फ्री सिटी के गौरव को हासिल किया जाए.