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Panipat: घोषणा मतलब जीरो बटे सन्नाटा, शायर हाली होते तो सरकार की घोषणाओं पर अफसोस करते

Khwaja Altaf Hussain Hali: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने जिनकी शायरी व कविताओं की प्रशंसा की थी, उनके नाम से बनने वाली झील सरकारी घोषणाओं में फंसकर आज पानी को तरस रही है. घोषणाओं पर काम न होने से नाराज लोगों ने चुनाव में बीजेपी को सबक सिखाने की बात कही है.  

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Panipat: घोषणा मतलब जीरो बटे सन्नाटा, शायर हाली होते तो सरकार की घोषणाओं पर अफसोस करते
Vipul Chaturvedi|Updated: Aug 20, 2024, 08:58 PM IST
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Hali Jheel Panipat: हरियाणा के चुनाव अब नजदीक है. बीजेपी सरकार हर वर्ग को लुभाने की कोशिश कर रही है और शायद इसलिए घोषणा पर घोषणा किए जा रही है, लेकिन पानीपत के लोगों में ऐसी ही एक घोषणा को लेकर नाराजगी है. ये घोषणा 1 मई 2022 को हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अमृत सरोवर योजना के तहत की थी और वो ये थी कि पानीपत सिटी विधानसभा क्षेत्र में आने वाली ऐतिहासिक झील हाली को सुंदर व भव्य बनाया जाएगा. समारोह में शहरी विधायक प्रमोद विज ने लोगों से वादा किया था कि हाली झील को पानी से भरने के साथ 1 जून 2022 से बोटिंग भी शुरू की जाएगी, लेकिन अब चल रहा है 2024 का अगस्त महीना, लेकिन नतीजा है ज़ीरो बटे सन्नाटा. 

प्रसिद्ध लेखक, कवि, साहित्यकार व समाज सुधारक ख्वाजा अल्ताफ हुसैन हाली को समर्पित इस ऐतिहासिक झील की सुंदरता निहारने के लिए देश के  राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति समेत बड़े-बड़े नेता पानीपत आ चुके हैं. इतना ही नहीं हाली के बारे में महात्मा गांधी ने भी कहा था उनकी कविताओं में भारत बसता है. उन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए पुस्तकें लिखने के साथ उनकी शिक्षा पर भी जोर दिया था, लेकिन आज हाली जिंदा होते तो उनके नाम पर बनवाई झील की दुर्दशा देखकर अफसोस करते.

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देश की सम्मानित हस्तियों के दौरे और हाली झील निर्माण के लिए लगभग 75 करोड़ रुपये का टेंडर जारी करने के बावजूद झील की हालत बदतर हो चुकी है. हाली इमारत व पार्क का इतना बुरा हाल है कि यहां की दीवारों पर गंदी-गंदी तस्वीर और अपशब्द देखकर लोगों को शर्मिंदा होना पड़ता है. इससे बचने के लिए महिलाएं अब इमारत में कदम रखने से भी कतराती हैं, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी व नेता अब मौन हैं. 

चुनाव में सबक सिखाने की तैयारी 
स्थानीय लोगों का कहना है विधायक प्रमोद विज पानीपत के मॉडल टाउन क्षेत्र में रहते हैं. तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि विधायक छोटे से रोड पर डिवाइडर बनवाकर अपने ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा कर रहे हैं. उनकी जिद की वजह से व्यापार खत्म होता जा रहा है. नाराज व्यापारी आगामी चुनाव में उन्हें सबक सिखने को तैयार बैठे हैं. 

आखिर कौन थे शायर हाली

 
लेखक रमेश पुहाल ने ख्वाजा अल्ताफ हुसैन हाली के जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ उनके परिवार की जीवनी और उनकी यादों को बड़े ही सुंदर तरीके से संभाला हुआ है. हाली पर पुस्तक लिखने वाले रमेश पुहाल ने बताया कि ख्वाजा अल्ताफ हुसैन हाली फ़ारसी के सबसे बड़े शायर थे. 1837 में उनका जन्म पानीपत के इंसार बाजार में हुआ था.18 साल की आयु में उनका निकाह हो गया था, लेकिन शिक्षा ग्रहण करने के लिए वह नई नवेली दुल्हन को छोड़कर दिल्ली आ गए थे. काफी समय बाद जब  बड़े भाई को यह पता चला तो वे हाली को दिल्ली मदरसे से निकालकर पानीपत आ गए. यहां आने के बाद हाली ने  अपनी शायरी उर्दू व फारसी में लिखनी शुरू कर दी. अपनी शायरी में हाली ने देशभक्ति व महिला सशक्तिकरण पर खूब किताबें लिखीं. हाली पहले ऐसे इंसान थे जिन्होंने महिलाओं पर इतनी किताबें लिखी और लड़कों के बराबर महिलाओं को शिक्षा देने की वकालत की.

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बंसी लाल ने 1975 में किया था उद्घाटन
रमेश पुहाल ने बताया कि 1975 में बंसी लाल ने हाली झील का उद्घाटन किया था. उस समय यह झील पानी से भरी रहती थी. झील में किश्ती चलती थी. लोग  मनोरंजन के लिए आते थे. 14 जनवरी 2012 को राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने भी दौरा किया था. उन्होंने बताया कि अब घोषणाओं में फंसी इस झील के साथ अब बेइंसाफी हो रही है. इसके पुनरुद्धार का करोड़ों रुपये कहां चला गया, पता भी नहीं चला.

नशे का अड्डा बन चुकी है इमारत 
स्थानीय लोगों का भी कहना है कि पार्क व झील का बुरा हाल है. अगर विकास की बात करें तो उसके नाम पर केवल जीरो कहना ही सही होगा. वही इमारत की गंदी हालत को देखते हुए लोगों ने कहा कि अब यह नशे का अड्डा बन चुकी है. गंदे-गंदे शब्द लिखे हुए हैं. पहले महिलाएं आती थीं, लेकिन जब से हालात बदतर हुए हैं,  तब से लोगों ने यहां आना बंद कर दिया है. 

... तो तोड़ दिया जाएगा डिवाइडर 
खादी सेवा संघ स्मारक निधि के आचार्य कुलम व राजनीतिक विश्लेषक विक्रम ने कहा कि भाजपा सरकार केवल घोषणाओं की सरकार है. हाली  का नाम पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. झील के लिए करोड़ों रुपया आया लेकिन पता नहीं चला कहां गया. मॉडल टाउन में बन रहे डिवाइडर के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि विधायक का ड्रीम प्रोजेक्ट इतना छोटा सा ही है. विधायक स्थानीय लोगों की भी नहीं सुन रहे हैं. उन्होंने कहा कि  कांग्रेस की सरकार आई तो इस डिवाइडर को तोड़ देगी.

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरेंद्र शाह ने कहा कि बीजेपी सरकार ने समस्या ही बढ़ाई है पर समाधान कुछ नहीं किया. लगभग 50 करोड़ रुपये हाली झील पर खर्च कर दिए गए. सुनने में आ रहा था कि मुंबई से एक मोटर लाए हैं, जिससे हाली झील को पानी से भरा जाएगा. उन्होंने कहा कि  जिस दिन प्रदेश में सरकार बदलेगी, 3 महीने के अंदर  झील पानी से भर जाएगी. शाह ने कहा कि जब-जब कांग्रेस की सरकार आई है, तब झील में पानी आया है. डिवाइडर निर्माण को लेकर वीरेंद्र शाह ने कहा कि जो काम लोगों के हित में हो, वही किया जाना चाहिए. जब वहां के लोग डिवाइडर नहीं चाहते तो विधायक जिद पर क्यों अड़े हुए हैं. उन्होंने दावा किया कि 2 महीने बाद सरकार बदलने वाली है और यह डिवाइडर टूटेगा ही टूटेगा.

इनपुट: राकेश भयाना 

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