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Parvesh Verma: ट्यूबवेल और टैंकर से हल होगा जल संकट या फिर से जनता होगी परेशान?

Water Minister Parvesh Verma: जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने विधानसभा में बताया कि दिल्ली में पानी की समस्या को हल करने के लिए 239 नए ट्यूबवेल लगाए जाएंगे और जल टैंकरों की संख्या बढ़ाकर 1327 की जाएगी.  

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Parvesh Verma: ट्यूबवेल और टैंकर से हल होगा जल संकट या फिर से जनता होगी परेशान?
Parvesh Verma: ट्यूबवेल और टैंकर से हल होगा जल संकट या फिर से जनता होगी परेशान?
PUSHPENDER KUMAR|Updated: Apr 03, 2025, 09:52 AM IST
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Delhi Govt to Boost Water Supply: गर्मियों में पानी की कमी से जूझ रहे दिल्लीवासियों को राहत देने के लिए दिल्ली सरकार ने कई बड़े कदम उठाने की घोषणा की है. जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने विधानसभा में बताया कि शहर में जल संकट को दूर करने के लिए 239 नए ट्यूबवेल लगाए जाएंगे और जल टैंकरों की संख्या बढ़ाकर 1327 कर दी जाएगी. इसके अलावा सरकार का लक्ष्य शहर को टैंकर-फ्री बनाना है, जिसके लिए जल आपूर्ति में सुधार की योजनाओं पर काम किया जा रहा है.

जल संकट से निपटने के लिए क्या कर रही सरकार
दिल्ली में हर साल गर्मियों में पानी की मांग बढ़ जाती है, जिससे जल संकट गहराने लगता है. इस समस्या से निपटने के लिए सरकार ने कई अहम घोषणाएं की हैं.

  1. 239 नए ट्यूबवेल लगेंगे: अगले तीन महीनों में सरकार 239 नए ट्यूबवेल चालू करेगी. इनमें से मई में 96, जून में 88 और जुलाई में 55 ट्यूबवेल शुरू किए जाएंगे.
  2. जल टैंकरों की संख्या बढ़ेगी: वर्तमान में 901 पानी के टैंकर काम कर रहे हैं, लेकिन अब इनकी संख्या 1327 तक बढ़ाई जाएगी.
  3. लीकेज और चोरी पर रोक: जल मंत्री ने कहा कि पानी की कमी नहीं है, बल्कि हमें लीकेज और पानी की चोरी को रोकना होगा. ताकि जल आपूर्ति सुचारु रूप से हो सके.

नई तकनीकों का इस्तेमाल होगा
सरकार पानी की बर्बादी और टैंकरों की सही निगरानी के लिए नई तकनीकों का सहारा लेगी.

  1. टैंकरों में GPS और सेंसर: पानी के टैंकरों में GPS और सेंसर लगाए जाएंगे, जिससे यह पता लगाया जा सकेगा कि पानी सही जगह पहुंच रहा है या नहीं.
  2. कमांड सेंटर: जल वितरण पर नजर रखने के लिए दिल्ली जल बोर्ड के दफ्तर में एक कमांड सेंटर बनाया जा रहा है. जिसका उद्घाटन जल्द किया जाएगा.
  3. बायोमैट्रिक अटेंडेंस: दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों और कर्मचारियों की जवाबदेही तय करने के लिए उनके लिए बायोमैट्रिक हाजिरी प्रणाली शुरू की जाएगी.

पानी की मांग और आपूर्ति का अंतर
दिल्ली में रोजाना 1250 मिलियन गैलन (MGD) पानी की जरूरत होती है, लेकिन वर्तमान में केवल 990 MGD पानी ही उपलब्ध हो पाता है. इसमें से 864 MGD पानी अन्य राज्यों से आता है, जबकि 126 MGD ग्राउंड वॉटर से प्राप्त किया जाता है. इस कमी को पूरा करने के लिए सरकार तेजी से नए ट्यूबवेल लगाने और जल आपूर्ति के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है.

सीवर सफाई और अन्य योजनाएं
जल मंत्री ने कहा कि शहर में सीवरों की सफाई के लिए 32 सुपर सकर मशीनें लगाई जाएंगी और 30 और मशीनों के लिए टेंडर जारी किए जाएंगे. इसके अलावा हर विधानसभा क्षेत्र में मजदूरों की संख्या 10 से बढ़ाकर 20 की जाएगी और 180 नए जूनियर इंजीनियरों की भर्ती की जाएगी, ताकि जल बोर्ड की कार्यक्षमता को और बेहतर बनाया जा सके.

सरकार की यह पहल राजधानी में जल संकट को कम करने और पानी की बर्बादी रोकने के लिए एक बड़ा कदम साबित हो सकती है. अब देखना होगा कि ये योजनाएं जमीनी स्तर पर कितनी सफल होती हैं और दिल्लीवासियों को पानी की समस्या से कितनी राहत मिलती है.

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