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Delhi News: हर व्यक्ति एयर प्यूरीफायर नहीं खरीद सकता, साबित करो कि ग्रीन पटाखों से प्रदूषण नहीं होता: सुप्रीम कोर्ट

Delhi News: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली एनसीआर में पटाखों पर पूरी तरह से सही ठहराया है. उन्होंने कहा कि जब तक ये साबित नहीं हो जाता कि ग्रीन पटाखों से बिल्कुल प्रदूषण नहीं होता है, तब तक बैन के पुराने आदेश में बदलाव का कोई औचित्य नजर नहीं आता.

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Supreme Court
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Akanchha Singh|Updated: Apr 03, 2025, 05:07 PM IST
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Delhi News: पटाखों से होने वाले प्रदुषण के मुद्दे पर गुरुवार को सुप्रिम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान  सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली एनसीआर में पटाखों पर पूरी तरह से लगाए प्रतिबंध को सही ठहराया. हालांकि कोर्ट में सेंट्रल पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड, NEERI, CSIR की ओर से पेश रिपोर्ट में कहा गया था कि बाकी पटाखों के मुकाबले ग्रीन पटाखों से 30 फीसदी कम प्रदूषण होता है. इस रिपोर्ट के मद्देनजर पटाखा निर्माता कंपनियों ने छूट की मांग भी की थी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक ये साबित नहीं हो जाता कि ग्रीन पटाखों से न के बराबर प्रदूषण होता है, तब तक बैन के पुराने आदेश में बदलाव का कोई औचित्य नजर नहीं आता.

आम आदमी पर कितना होता है असर
कोर्ट ने कहा कि स्वास्थय का अधिकार आर्टिकल 21 के तहत जीने के अधिकार का हिस्सा है. लोगों को स्वस्थ वातावरण में रहने का अधिकार है. SC ने भी पहले जो पटाखों पर बैन का फैसला लिया था, वो भी दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण के बेहद खतरनाक स्तर के मद्देनजर लिया गया था. आम आदमी पर इसका क्या असर होता होगा वो समझा जा सकता है कि क्योंकि हर कोई एयर प्यूरीफायर नहीं खरीद सकता. एक बड़ा तबका जो सड़क पर, गलियों में काम करता है, प्रदूषण का असर उस पर सबसे दा ज्यादा होता है.

कोर्ट ने पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगाने के दिए निर्देश  
कोर्ट ने पटाखा निर्माता कंपनियों को जिम्मेदारी का एहसास दिलाते हुए कहा कि उनकी भी जिम्मेदारी बनती है कि दिल्ली प्रदूषण रहित रहे. उनकी जिम्मेदारी है कि वो अपने कथित ग्रीन पटाखों की गुणवत्ता में और सुधार करें.
कोर्ट ने कहा कि दिल्ली और हरियाणा ने पटाखों की ऑनलाइन बिक्री के आदेश पर पालन किया है. कोर्ट ने राजस्थान और यूपी से कहा है कि वो भी ऑनलाइन ब्रिक्री पर रोक लगाए और दो हफ्ते में इस आदेश पर अमल को लेकर रिपोर्ट दे.

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कोर्ट ने दिए ये आदेश 
सुनवाई के दौरान मुकेश जैन नाम के एक शख्श ने पटाखों पर बैन को अंतरराष्ट्रीय साजिश करार देते हुए प्रदूषण के मामले में मूल याचिकाकर्ता एम सी मेहता पर गंभीर आरोप लगाए हैं. मुकेश जैन ने आरोप लगाया कि एमसी मेहता को अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से पैसा मिला है, जिनके नक्सली संगठनों से संबंध हैं. कोर्ट ने इस पर आपत्ति जाहिर करते हुए कहा कि हम एमसी मेहता को व्यक्तिगत रूप से नहीं जानते हैं. पर वो लगातार पर्यावरण के अलग-अलग गंभीर मसलों को अपनी याचिकाओं के जरिए कोर्ट में रखते रहे हैं. कोर्ट 1984 से उनकी याचिकाओं पर आदेश पास करता रहा है. उनके मामलों में जो आदेश पास किये गए हैं. उनके तहत सरकार और एजेंसियों को प्रदूषण पर लगाम लगाने में कामयाबी मिली है. 

कोर्ट ने मुकेश जैन के रुख पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए चेतावनी दी कि ऐसे आरोप बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे. हालांकि कोर्ट ने मुकेश जैन पर कोई जुर्माना नहीं लगाया, चेतावनी देकर छोड़ दिया. सुप्रीम कोर्ट ने NCR के अंतर्गत आने वालें राज्यों को निर्देश दिया कि राज्य पटाखों पर बैन के लिए प्रभावी कदम उठाएं. राज्य सरकारें ऐसी मशीनरी बनाएं जो बैन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करे.

Input- Abhishek Malviy

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