Pradhan Mantri Awas Yojana: सरकार ने सोमवार को संसद में कहा गया कि 3 मार्च 2025 तक प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी (PMAY-U) के तहत शहरों में झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों को 90.60 लाख घर दिए गए हैं. आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री तोखन साहू ने राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि पीएमएवाई-यू के तहत मंत्रालय द्वारा कुल 118.64 लाख मकानों को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 112.46 लाख मकानों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है और 3 मार्च 2025 तक 90.60 लाख मकान पूरे हो चुके हैं या लाभार्थियों को वितरित किए जा चुके हैं. इसका मतलब अभी सरकार 28.04 लाख मकानों का वितरण करेगी.
उन्होंने कहा कि फंडिंग पैटर्न और कार्यान्वयन पद्धति में बदलाव किए बिना स्वीकृत घरों को पूरा करने के लिए योजना की अवधि 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ा दी गई है. राज्य मंत्री ने कहा कि आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) 25 जून, 2015 से पीएमएवाई-यू के तहत केंद्रीय सहायता प्रदान करके राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की सहायता कर रहा है, जिससे देशभर में मलिन बस्तियों सहित शहरी क्षेत्रों में पक्के मकान उपलब्ध कराए जा सकें.
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राज्य मंत्री साहू ने कहा कि पीएमएवाई-यू के कार्यान्वयन के नौ वर्षों के अनुभवों से सीख लेकर मंत्रालय ने इस योजना को नया रूप दिया है और एक करोड़ अतिरिक्त पात्र लाभार्थियों के लिए 1 सितंबर, 2024 से पीएमएवाई-यू 2.0 'सभी के लिए आवास' मिशन शुरू किया है.
राज्य मंत्री ने कहा कि अब तक 30 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने समझौता ज्ञापन (एमओए) पर हस्ताक्षर किए हैं और ऐसे राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को 6.77 लाख घरों की सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है. सरकार के आंकड़ों के अनुसार, देश भर में 1.39 करोड़ परिवारों के कुल 6.54 करोड़ लोग झुग्गियों में रह रहे हैं. झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले परिवारों का यह आंकड़ा 2011 में की गई अंतिम जनगणना पर आधारित है.