Rohtak News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाया हैं, जिसका सीधा असर रोहतक में उन कंपनियों पर पड़ सकता है जो अमेरिका को विमान और रक्षा प्रणालियों के लिए नट-बोल्ट की सप्लाई करते हैं.
एलपीएस बॉसहार्ड के एमडी राजेश जैन ने चिंता जताते हुए कहा कि टैरिफ बढ़ने से उत्पाद महंगे हो जाएंगे, जिससे अमेरिका में बिक्री घटेगी और अगले 6 महीनों में ग्राहक कम हो सकते हैं. अकेले एलपीएस बॉसहार्ड अमेरिका को 200 करोड़ रुपये के एयर डिफेंस सिस्टम निर्यात करता है. एमडी ने कहा कि रोहतक से अमेरिका में हर साल लगभग 1000 करोड़ रुपये का सामान जाता है. यदि टैरिफ नहीं हटे तो इसका सीधा असर हजारों करोड़ के व्यापार पर पड़ेगा.
उद्योगों को भारी नुकसान
स्टील और एल्युमीनियम पर टैरिफ बढ़ने से लागत भी बढ़ेगी, जिससे उद्योगों को भारी नुकसान हो सकता है. राजेश जैन ने बताया कि रोहतक का नट-बोल्ट उद्योग अपने कुल उत्पादन का 50% निर्यात करता है और अगले 5 सालों में निर्यात को 200% तक बढ़ाने की योजना थी, जो अब खतरे में है.
एमडी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील
एमडी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि ईगो छोड़कर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से इस मुद्दे पर बातचीत करें, ताकि टैरिफ हटाने का रास्ता निकाला जा सके. उनका मानना है कि अमेरिका में फैक्ट्री लगाना समाधान नहीं है, क्योंकि उत्पादन लागत अधिक होने के कारण व्यापारिक नुकसान ही होगा.
नट-बोल्ट इंडस्ट्री में चिंता
अमेरिका और पाकिस्तान के बीच बढ़ती नजदीकियों को लेकर भी इंडस्ट्रीज में चिंता है. यदि भारत-अमेरिका व्यापारिक रिश्तों में तनाव बना रहा, तो आने वाले समय में रोहतक की नट-बोल्ट इंडस्ट्री पूरी तरह से ठप पड़ सकती है.
क्या है पुरा मामला
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 25 से बढाकर 50% टैरिफ लगाए जाने के बाद से भारत और अमेरिका के बीच तनाव बना हुआ है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया था, लेकिन फिर 25 प्रतिशत और लगा दिया इस तरह कुल टैरिफ 50 प्रतिशत हो गया. जब मीडिया ने ट्रंप से भारत के साथ उनकी बातचीत के बारे में पूछा, तो ट्रंप ने भारत और ब्राजील पर सबसे ज्यादा टैरिफ लगा दिए. ट्रंप का गुस्सा ट्रेड डील से शुरू हुआ और उसके बाद उन्होंने रूस का नाम लेकर सख़्त तेवर दिखाने शुरू कर दिए.
इनपुट- राज टाकिया