Sandeep Dikshit On India Pakistan Ceasefire: भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के दिनों में बढ़ते तनाव और गोलीबारी के बाद 11 मई को एक नई उम्मीद की किरण दिखाई दी. दोनों देशों के बीच 7 मई से जारी फायरिंग और एयर स्ट्राइक के बाद अब युद्ध विराम की घोषणा हो चुकी है. इस बीच दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संदीप दीक्षित का बड़ा बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने संघर्ष विराम को लेकर बेहद संतुलित और भावनात्मक रुख अपनाया है.
VIDEO | Speaking on reports of no overnight ceasefire violation by Pakistan, Congress leader Sandeep Dikshit (@_SandeepDikshit) says, "There were some infringements, it was clear case of violations, but is it amounting to them going on the ceasefire, that's not the impression I… pic.twitter.com/onFYNgDFsa
— Press Trust of India (@PTI_News) May 11, 2025
संदीप दीक्षित ने कहा कि संघर्ष विराम के शुरुआती दौर में कुछ उल्लंघन जरूर हुए थे, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि पाकिस्तान ने जानबूझकर विराम तोड़ा. उन्होंने साफ कहा कि कुछ शरारती सूचनाएं फैलाई गईं, लेकिन अगर अब युद्ध विराम हो गया है तो हमें अपनी सरकार को एक मौका देना चाहिए. सबसे अहम सवाल अब यह है कि पाकिस्तान आगे क्या कदम उठाएगा. उन्होंने कहा कि भारत ने अब तक बहुत जिम्मेदारी और संयम के साथ कार्रवाई की है. भारत की प्रतिक्रिया आतंकवाद के खिलाफ थी, न कि किसी आम नागरिक के खिलाफ. संदीप दीक्षित ने गर्व के साथ कहा कि हमने सिर्फ आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया है, जिनका सीधा संबंध पाकिस्तान के राज्य प्रायोजित आतंकवाद से है. पाकिस्तान जानता है कि अगर उसने कोई बड़ी गलती की, तो उसका अंजाम ऐसा होगा जिसकी उसने कल्पना भी नहीं की होगी.
कांग्रेस नेता ने पाकिस्तान की सेना पर भी करारा प्रहार किया और उन्होंने कहा कि नकली आत्मसम्मान की लड़ाई लड़ने वाला पाकिस्तान निर्दोषों पर हमला करता है, जैसे पहलगाम में किया गया, यह एक कायरतापूर्ण हरकत थी. पाकिस्तान में अगर वास्तव में सम्मान होता, तो वह आम लोगों को निशाना न बनाता. संदीप दीक्षित का यह बयान ऐसे समय आया है जब पूरे देश में एक सवाल है- क्या संघर्ष विराम टिक पाएगा? उन्होंने अपने बयान से यह संदेश दिया है कि युद्ध समाधान नहीं है और अगर पाकिस्तान ईमानदारी से आगे आता है, तो भारत भी शांति की ओर हाथ बढ़ा सकता है. अब नजरें पाकिस्तान के अगले कदम पर हैं. क्या वह इस बार शांति की राह पर चलेगा? यह आने वाला वक्त बताएगा.
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