Delhi News: दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को लेकर आप और बीजेपी दोनों ही एक दूसरे पर जुबानी वार से पीछे नहीं हट रहे हैं. एक ओर आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के निजी स्कूलों में फीस वृद्धि की सीबीआई जांच की मांग कर दी. वहीं दूसरी ओर बीजेपी के नेता भी आप पर सरकार में रहते हुए भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया. इस बीच सूचना के अधिकार (आरटीआई) के जरिया ये खुलासा हुआ है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने सरकार में रहते हुए शिक्षा पर अपने वार्षिक बजट का 25 फीसदी खर्च करने का दावा किया था, लेकिन ये बात सरासर गलत है. आरटीआई से पता चला कि 2024-25 में शिक्षा निदेशालय सामान्य शिक्षा के लिए आवंटित बजट का 50 फीसदी पैसा भी खर्च कर पाने में नाकाम रहा.
बजट आवंटन और खर्च
दिल्ली सरकार ने 2024-25 में शिक्षा निदेशालय के लिए 4335.08 करोड़ रुपये आवंटित किए थे, जिसे बाद में बढ़ाकर 4836.41 करोड़ रुपये कर दिया गया था. विभाग केवल 2818.23 करोड़ रुपये ही खर्च कर पाया। सामान्य शिक्षा के लिए 2703.12 करोड़ रुपये का बजट प्राप्त हुआ, जिसमें से सिर्फ 1267.87 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जो कि 50 फीसदी से भी कम है.
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दिल्ली नगर निगम के विद्यालयों पर ठीकठाक खर्च
दिल्ली नगर निगम (MCD) के विद्यालयों के लिए 2085.01 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था, जिसमें से शिक्षा विभाग ने 1523.33 करोड़ रुपये खर्च किए. यह आंकड़ा दिखाता है कि विभाग ने एमसीडी विद्यालयों के लिए बजट का बेहतर उपयोग किया.
खेल बजट का भी अधूरा इस्तेमाल
स्कूली विद्यार्थियों को खेल संसाधन मुहैया कराने वाले बजट का भी विभाग पूरा उपयोग नहीं कर सका. शिक्षा निदेशालय को खेल के लिए 48.28 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, लेकिन खर्च केवल 18.02 करोड़ रुपये किया गया.जब इस मुद्दे पर शिक्षा निदेशक से जानकारी मांगी गई तो उन्होंने चुप्पी साध ली. इसे शिक्षा विभाग की पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं.
ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल का कहना है कि सामान्य शिक्षा के आधे बजट का उपयोग न कर पाना शिक्षा विभाग की लापरवाही दिखाता है. दिल्ली के सरकारी विद्यालयों में करीबन 17 लाख बच्चे पढ़ते हैं, जिनमें से अधिकांश गरीब तबके से आते हैं. शिक्षा निदेशालय शहर के सरकारी विद्यालयों में मुफ्त पुस्तकों, स्कूल की वर्दी, कंप्यूटर लैब, शिक्षकों को पुरस्कार और पुस्तकालय के लिए किताबें खरीदने जैसी कई मदों पर पैसा खर्च करता है. दिल्ली सरकार ने 2014 से 2019 तक शिक्षा निदेशालय को 13,425.64 करोड़ रुपये आवंटित किए, जिसमें से 11892.23 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. इसी प्रकार, 2019 से 2024 तक 24,349.18 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जिसमें से 20,762.39 करोड़ रुपये खर्च ही किए गए.