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Sirsa: क्या डेरा जगमालवाली के संत की हत्या हुई? संगत के इस आरोप से गरमाया सिरसा

Haryana News: संगत का कहना है कि संत बहादुर चंद वकील साहिब पूरी तरह स्वस्थ थे. उन्हें मौत से पहले हुआ क्या था, इसकी भी वजह स्पष्ट नहीं है. मामले की सीबीआई जांच से ही हकीकत से पर्दा उठेगा. 

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Sirsa: क्या डेरा जगमालवाली के संत की हत्या हुई? संगत के इस आरोप से गरमाया सिरसा
Divya Agnihotri|Updated: Aug 08, 2024, 03:14 PM IST
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Dera Jagmalwali Sirsa: डेरा जगमालवाली की गद्दी को लेकर उपजे विवाद के बाद सिरसा को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. अफवाह फैलने और शांति व्यवस्था बिगड़ने की आशंका के मद्देनजर इंटरनेट पर रोक लगा दी गई है. यह प्रतिबंध बुधवार शाम 5 बजे से गुरुवार रात 12 बजे तक लगाया गया है. इस बीच वकील साहिब के अंतिम अरदास व भोग कार्यक्रम से पहले डेरे के कुछ सेवादारों ने चंडीगढ़ में प्रेस वार्ता की. इस दौरान उन्होंने डेरे के मुख्य सेवक और सूफी गायक महात्मा विरेंद्र सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं. इसके बाद इस मामले के तूल पकड़ने की पूरी संभावना है. 

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सेवादार जसदेव बिश्नोई ने कहा कि वीरेंद्र सिंह ने गद्दी की लालच में बाबा वकील साहब की हत्या कर दी है. निधन से पहले डेरा प्रमुख दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती थे, लेकिन संगत को यह कभी नहीं बताया गया कि वह क्यों भर्ती किए गए थे और उन्हें क्या बीमारी है. डॉक्टर हमसे कहते थे कि वह बिल्कुल स्वस्थ हैं, लेकिन अचानक एक दिन उनका निधन हो गया. संगत का कहना है कि वीरेंद्र सिंह एंबुलेंस में संत बहादुर चंद वकील साहिब के पार्थिव शरीर को लाया था, जबकि किसी संत के शरीर को पूरे सम्मान के साथ लाया जाता है. इस दौरान वीरेंद्र सिंह घबराया हुआ भी दिख रहा था. 

संगत का कहना है कि डेरा प्रमुख का परिवार विरेंद्र सिंह के समर्थन की बात करता है, लेकिन उनके परिवार का डेरे से कोई संबंध नहीं है. विरेंद्र सिंह ने गद्दी के लिए डेरा प्रमुख की हत्या की है. वीरेंद्र का दावा है कि बाबा वकील साहब ने उन्हें उत्तराधिकारी बनाया था. सेवादारों का कहना है कि बाबा ने ये बात कभी  अपने मुंह से नहीं कही. इसलिए वीरेंद्र के दावे को हम नहीं मान सकते. उन्होंने इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है,  हमारी मांग है कि इस पूरे मामले की सरकार जांच करवाए. इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए ताकि सच सबके सामने आ सके. 

गद्दी की दावेदारी पर सवाल 
दरअसल डेरा जगमालवाली के संत बहादुर चंद वकील साहिब का 1 अगस्त को निधन हो गया  था, जिसके बाद उनकी गद्दी को लेकर विवाद शुरू हो गया. एक ओर संगत ने डेरे के पूर्व प्रमुख संत मैनेजर साहब के भतीजे गुरप्रीत सिंह को गद्दी के लिए बैठा दिया, वहीं दूसरी ओर विरेंद्र सिंह ढिल्लों ने गद्दी पर अपना दावा पेश कर दिया है. विरेंद्र का कहना है कि संत बहादुर चंद ने उन्हें अपना उत्तराधकारी घोषित कर दिया था. उन्होंने वसीयतनामे के अपने नाम होने का भी दावा किया है. गुरुवार को डेरा जगमालवाली के संत बहादुर चंद वकील साहिब के अंतिम अरदास है. इस दौरान उनकी गद्दी को लेकर दोनों पक्षों में विवाद की संभावना है. 

Input- Vijay Rana

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