Sirsa news: एक बार फिर घग्गर नदी कहर बरपा सकती है.पहाड़ी इलाकों में हो रही भारी बारिश का असर अब मैदानी इलाकों में भी दिखने लगा है. सिरसा की घग्गर नदी में पानी आने से ग्रामीणों में डर का माहौल है. अब तक नदी में 7000 क्यूसेक से अधिक पानी आ चुका है, जिससे लोग सतर्क हो गए हैं.
ग्रामीण व्हाट्सएप ग्रुप्स के माध्यम से आपस में तालमेल कर रहे हैं और रात्रि में पहरा देकर अपने गांव की निगरानी कर रहे हैं. हिमाचल प्रदेश द्वारा पानी छोड़े जाने के बाद घग्गर नदी फिर से उफान पर आने लगी है. 2023 में भी सिरसा बाढ़ की चपेट में आया था.
घग्गर नदी में बढ़ता जलस्तर चिंता का विषय
पंजाब के सरदूलगढ़, हरियाणा के फतेहाबाद और सिरसा जिलों में घग्गर नदी उफान पर आ सकती है. हिमाचल प्रदेश से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है, जिसके चलते पंचकूला में भी नदी अचानक उफान पर आ गई है. नदी में पानी के बहाव से ग्रामीण डरे हुए हैं. सिरसा जिले में पिछले कई वर्षों से घग्गर नदी ने भारी तबाही मचाई है, जिससे फसलें, घर और कारोबार प्रभावित हुए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि वे अपने स्तर पर नदी की निगरानी कर रहे हैं, लेकिन जैसे-जैसे पानी बढ़ता है, उनकी चिंताएं भी बढ़ती जा रही हैं.
घग्गर नदी का इतिहास और भूगोल
घग्गर नदी का उद्गम हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले की शिवालिक पहाड़ियों से होता है. यह नदी कालका से हरियाणा में प्रवेश करती है और फिर पंजाब व हरियाणा होते हुए पाकिस्तान तक जाती है. इसकी कुल लंबाई लगभग 646 किलोमीटर है और यह भारत-पाकिस्तान की एकमात्र मौसमी नदी है. यह नदी लगभग 50,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में बहती है. इसके जलग्रहण क्षेत्र में 27 कस्बे और 11 बड़े नाले शामिल हैं, जिनमें सुखना नाला सबसे प्रमुख है.
बारिश और जलस्तर पर प्रभाव
मानसून के दौरान हिमाचल, चंडीगढ़, पंचकूला और पटियाला जैसे क्षेत्रों में भारी बारिश होती है, जिसका पानी घग्गर नदी में जाता है. यह नदी मुख्यत बरसाती जल पर निर्भर है, लेकिन औसतन 70% हिस्सा पंजाब और हरियाणा में पड़ता है.
इतिहास में आई प्रमुख बाढ़ें
आज़ादी के बाद घग्गर नदी हरियाणा और पंजाब में अब तक 14 बार भारी तबाही मचा चुकी है. सबसे विनाशकारी बाढ़ें 1993, 1995, 2004 और 2010 में आई थीं, जिनमें हजारों एकड़ फसलें तबाह हो गई थीं और कई गांव पानी में डूब गए थे.
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बाढ़ की चपेट में आने वाले गांव
सिरसा जिले के उपमंडल सिरसा और ऐलनाबाद के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं, जिनमें प्रमुख हैं:उपमंडल सिरसा: मत्तड़, लहंगेवाला, रंगा, नागोकी, किराड़कोट, बुढाभाणा, मल्लेवाला, नेजाडेला खुर्द, सहारणी, खैरेकां, बनसुधार, चामल, झोरडऩाली, मुसाहिबवाला, पनिहारी, बुर्ज कर्मगढ़, फरवाई कलां, नेजाडेला कलां, झोपड़ा, मीरपुर, अहमदपुर, केलनियां, चकेरियां उपमंडल ऐलनाबाद: धनूर, अबूतगढ़, ओटू, फिरोजाबाद, नगराणा थेड़, ढाणी सतनाम सिंह, ढाणी आसा सिंह, मोहर सिंह थेड़, जीवन नगर, हारणी, करीवाला, गिदड़ांवाली, रत्ताखेड़ा, शेखुखेड़ा, मौजुखेड़ा, अमृतसर, ठोबरियां, तलवाड़ा खुर्द आदि।
स्थानीय लोगों की चिंता
ग्रामीण सतपाल कुमार, बीर सिंह और जगसीर सिंह ने बताया कि गांव में घग्गर नदी का पानी पहुंच चुका है और हिमाचल से प्रतिदिन पानी छोड़ा जा रहा है. बढ़ते जलस्तर से बाढ़ का खतरा है, लेकिन अभी तक प्रशासन की ओर से कोई ठोस इंतजाम नहीं किए गए हैं.
input- VIJay Kumar