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Haryana News: सिरसा के प्रमोद ने हादसे में गंवाए हाथ तो पैरों से रचा इतिहास, एशियन गेम्स में 1500 मीटर दौड़ में जीता सिल्वर मेडल

Haryana News: सिरसा के दिव्यांग प्रमोद कुमार ने एशियाई खेलों में 1500 मीटर दौड़ में  सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है. एक हादसे में उनका एक हाथ कट गया था, लेकिन प्रमोद कुमार ने हार नहीं मानी और अब तक 9 राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग ले चुके हैं.

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Haryana News: सिरसा के प्रमोद ने हादसे में गंवाए हाथ तो पैरों से रचा इतिहास, एशियन गेम्स में 1500 मीटर दौड़ में जीता सिल्वर मेडल
Zee Media Bureau|Updated: Jul 19, 2025, 08:28 PM IST
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Sirsa News: नहराणा गांव के दिव्यांग युवक प्रमोद कुमार ने अपनी बहादुरी से न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी देश का नाम रोशन किया है. एक हाथ कटने के बावजूद उन्होंने विदेशी धरती पर अपने खेल का लोहा मनवाया है, एशियन गेम्स में 1500 मीटर दौड़ में सिल्वर मेडल जीतकर उन्होंने सिरसा और पूरे भारत का गौरव बढ़ाया है.

दिव्यांग खिलाड़ी प्रमोद कुमार ने एशियन गेम्स में शानदार प्रदर्शन किया. चीन में आयोजित इस प्रतियोगिता में उन्होंने 1500 मीटर दौड़ में सिल्वर मेडल हासिल किया. उनके इस शानदार प्रदर्शन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें ट्वीट कर बधाई दी. दिल्ली में पीएम मोदी ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से सम्मानित भी किया. सिरसा लौटने पर पूर्व सांसद और भाजपा नेत्री सुनीता दुग्गल ने भी प्रमोद कुमार को सम्मानित किया.

प्रमोद कुमार ने अब तक 9 नेशनल प्रतियोगिताओं में लिए भाग  
प्रमोद कुमार ने अपने गांव में ही खेल की शुरुआत की थी. धीरे-धीरे उन्होंने जिला, राज्य और फिर राष्ट्रीय स्तर पर अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया. अब तक वह 9 राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग ले चुके हैं. करीब 8 साल पहले प्रमोद कुमार अपने खेत में चारा काटने की मशीन पर काम कर रहे थे, जहां एक हादसे में उनका एक हाथ कट गया. इस दर्दनाक हादसे के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी, एक साल के भीतर ही उन्होंने तेज धावक बनने का संकल्प लिया और खुद को खेल के लिए समर्पित कर दिया.

प्रमोद कुमार कहते है
मैं एथलेटिक्स खेलता हूं 1500 मीटर रेस में सिल्वर मेडल मिला है. अब तक मैंने 10 से 12 राष्ट्रीय खेल खेले हैं. हाल ही में एक इंटरनेशनल गेम में गोल्ड मेडल भी जीता है. प्रमोद कुमार ने आगे बताया कि वे अब वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए भी क्वालीफाई कर चुके हैं, जो जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, नई दिल्ली में आयोजित होने वाली है. साथ ही, उनका लक्ष्य 2028 ओलंपिक में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतना है. दिव्यांग खिलाड़ी के लिए हर गेम एक चुनौती होता है. हमें साइंटिफिक तरीके से ट्रेनिंग, डाइट और खुद की सीमाओं से लड़ते हुए तैयारी करनी होती है.

सम्मान और समर्थन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सभी एथलीट्स को सम्मानित किया गया था, जिसमें प्रमोद कुमार भी शामिल थे. वे हरियाणा सरकार की स्पोर्ट्स पॉलिसी के तहत एथलीट कोच की जॉब पाने की प्रक्रिया में हैं. उनके अनुसार, राज्य और केंद्र सरकार दोनों खिलाड़ियों को आर्थिक सहायता और पॉकेट मनी भी प्रदान करते हैं.

परिवार और ग्रामीणों का गर्व
प्रमोद कुमार के पिता राम मूर्ति और ग्रामीण हनुमान कुंडू ने कहा कि प्रमोद में बचपन से ही खेल के प्रति जुनून था. उसकी मेहनत और लगन ने ही उसे आज इस मुकाम तक पहुंचाया है.

पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल ने कहा
प्रमोद कुमार ने देश और विदेश में सिरसा का नाम रोशन किया है. उनका हौसला और प्रतिभा दूसरे खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा है, हम चाहते हैं कि वह जल्द ही ओलंपिक में देश के लिए गोल्ड मेडल जीतें और देश और विदेश में रोशन करें.

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Input- Vijay Kumar

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