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PM के लिए मित्रों का व्यापार जरूरी या देश के लिए आने वाले हथियार: संजय सिंह

Aap MP : सांसद ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर का मूल लक्ष्य पीओके पर कब्जा करना और आतंकी ठिकानों को पूरी तरह से समाप्त करना था. इस लक्ष्य को भारत सरकार को पूरा करना चाहिए. क्या प्रधानमंत्री इस दिशा में इच्छा शक्ति दिखाएंगे? 

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PM के लिए मित्रों का व्यापार जरूरी या देश के लिए आने वाले हथियार: संजय सिंह
Vipul Chaturvedi|Updated: Jun 08, 2025, 04:53 AM IST
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AAP MP Sanjay Singh: ऑपरेशन सिंदूर के एक माह पूरे होने पर शनिवार को AAP के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने प्रधानमंत्री जमकर जुबानी हमला बोला. उन्होंने कहा कि अभी तक देश को प्रधानमंत्री से अचानक हुए सीजफायर को लेकर उठ रहे सवालों के जवाब नहीं मिले हैं. संजय सिंह ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति का कहना है कि उन्होंने व्यापार बंद करने की धमकी देकर भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराया. प्रधानमंत्री को सदन में आकर देश को इस बारे में बताना चाहिए. ट्रंप के दबाव में पीएम ने पीओके पर कब्जा व बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग करने का सुनहरा मौका गंवा दिया. उन्होंने सवाल किया कि प्रधानमंत्री की प्राथमिकता अपने मित्रों का व्यापार है या देश के लिए आने वाले हथियार हैं.

संजय सिंह ने कहा कि सर्वदलीय बैठक और उसके बाद कई बार सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि ऑपरेशन सिंदूर अब भी जारी है. यह वोट बैंक की राजनीति के लिए शुरू किया गया था बल्कि इसकी शुरुआत पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद हुई थी, जब खूंखार आतंकवादियों ने हमारी बहनों के सिंदूर उजाड़े थे. उन खूंखार आतंकवादियों को अभी तक न तो गिरफ्तार किया गया है, न पकड़ा गया है और न मारा गया है.

सदन में आकर जवाब दें पीएम 
सांसद ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर का मूल लक्ष्य पीओके पर कब्जा करना और आतंकी ठिकानों को पूरी तरह से समाप्त करना था. इस लक्ष्य को भारत सरकार को पूरा करना चाहिए. क्या प्रधानमंत्री इस दिशा में इच्छा शक्ति दिखाएंगे। संजय सिंह ने कहा कि देश यह जानना चाहता है कि सेना के सबसे बड़े अधिकारी ने सवाल उठाया है कि विमान क्यों गिरे. इस सवाल का जवाब कौन देगा? प्रधानमंत्री को इसका जवाब देना होगा. 

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प्रधानमंत्री सर्वदलीय बैठक में क्यों नहीं आए?
संजय सिंह ने कहा कि पिछले दिनों यह सवाल उठा है कि प्रधानमंत्री ने सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार किया और स्वयं उसमें शामिल नहीं हुए। प्रधानमंत्री उस समय बिहार में चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे, फिल्मी सितारों से मिल रहे थे, आंध्र प्रदेश और केरल में उद्घाटन कर रहे थे और घूम-घूमकर वोट मांग रहे थे. प्रधानमंत्री दो बार बिहार जा चुके हैं, लेकिन उनकी प्राथमिकता क्या है? . प्रधानमंत्री को रैलियां करने की फुर्सत है, लेकिन देश के गंभीर सवालों का जवाब देने का समय नहीं है.

पीएम की 129 विदेश यात्रा का क्या रहा नतीजा?
संजय सिंह ने प्रधानमंत्री को कनाडा के प्रधानमंत्री की ओर से जी-7 के लिए आए आमंत्रण पर कहा कि विदेश नीति के कई मामलों में भारत की सरकार पूरी तरह से फेल साबित हुई है. उन्होंने सवाल किया- प्रधानमंत्री ने 129 बार में 73 देशों की यात्रा का नतीजा क्या निकला? जब भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ाई शुरू हुई तो न तो नेपाल भारत के साथ खड़ा हुआ, न भूटान, न श्रीलंका और न ही मालदीव। न्यू पापुआ गिनी के राष्ट्रपति, जिन्होंने प्रधानमंत्री के पैर छुए थे, वह भी भारत के पक्ष में नहीं बोले. 

पीएम पाकिस्तान की फंडिंग पर पूछे सवाल 
संजय सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री को यह सवाल उठाना चाहिए कि पाकिस्तान को आईएमएफ से लोन कैसे मिल गया और संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद विरोधी कमेटी के वाइस प्रेसिडेंट की जगह उसे कैसे दी गई। इन सारे सवालों को प्रधानमंत्री को जी-7 में उठाना चाहिए. 

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