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Surajkund Mela 2024: खादी उत्पाद बने लोगों की पहली पसंद, सूरजकुंड मेले में लोगों को लुभा रही मोदी जैकेट

दुनियाभर के कलाकारों की प्रतिभा को दिखाने के लिए हरियाणा पर्यटन विभाग द्वारा हर साल फरीदाबाद के सूरजकुंड में मेले का आयोजन किया जाता है. इस साल 2 फरवरी से सूरजकुंड मेले का आगाज हुआ है, जो 18 फरवरी तक चलेगा.

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Surajkund Mela 2024: खादी उत्पाद बने लोगों की पहली पसंद, सूरजकुंड मेले में लोगों को लुभा रही मोदी जैकेट
Zee Media Bureau|Updated: Feb 09, 2024, 11:33 AM IST
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Surajkund Mela 2024: दुनियाभर के कलाकारों की प्रतिभा को दिखाने के लिए हरियाणा पर्यटन विभाग द्वारा हर साल फरीदाबाद के सूरजकुंड में मेले का आयोजन किया जाता है. इस साल 2 फरवरी से सूरजकुंड मेले का आगाज हुआ है, जो 18 फरवरी तक चलेगा. इस मेले में पारंपरिक लोक नृत्य, संगीत शो, कठपुतली नाटकों के साथ ही अलग-अलग सामान के स्टाल भी लगाए गए हैं. मेले में खादी और ग्रामोद्योग आयोग की ओर से खादी के उत्पादों का स्टॉल लगाया गया है, जो लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है. 

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने स्वदेशी आंदोलन में जिस खादी को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया था, उसी खादी का आधुनिक दौर में भी खूब क्रेज है. 37वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले में खादी और ग्रामोद्योग आयोग की ओर से छोटी चौपाल के पीछे खादी की सामग्री का स्टॉल लगाया गया है, जो लोगों को अपनी ओर खींच रहा है. इस स्टॉल पर पर्यटकों द्वारा खादी की जैकेट की मांग की जा रही है. यह जैकेट हर उम्र के पर्यटकों की पहली पसंद बन चुका है.यहां मिलने वाले सभी कपड़े हाथ से कटे-बुने हैं, यहां पर जैकेट के अलावा कुर्ता, पाजामा, शर्ट आदि भी मिल रहे हैं. 

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उत्तराखंड से आकर सूरजकुंड में लगाया खादी का स्टॉल
सूरजखुंड मेले में खादी का स्टॉल लगाने वाले राजकुमार उत्तराखंड से हैं. उन्होंने बताया कि उनका उत्तराखंड में खादी के कपड़े बनाने का कारखाना है. जहां वह हाथों से सिलाई करके कपड़े तैयार करते हैं, जिसमें गांधी स्टाइल की जैकेट, शॉल, साड़ी, कुर्ते की मांग के अनुसार कपड़े तैयार किए जाते हैं. पिछले 10 सालों में खादी के कपड़ों की मांग लगातार बढ़ी है. आजकल खादी का क्रेज लगातार बढ़ता जा रहा है, खादी की मांग बढ़ने की वजह से रोजगार के अवसरों में भी इजाफा हो रहा है. 

वहीं सरकार की तरफ से भी खादी को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) योजना से युवाओं को उद्योग खोलने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. इस योजना के माध्यम से युवाओं को 2 से 10 लाख रुपए तक का लोन दिया जा रहा है. योजना के माध्यम से मिलने वाले ऋण पर ग्रामीण इलाकों में 35 प्रतिशत और शहरी इलाकों में 25 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाती है.

Input- Amit Chaudhary

 

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