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Delhi News: दिल्ली के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे क्यों पढ़ रहे बीमार? AIIMS की रिसर्च ने उड़ाए होश

Delhi School Children: एम्स द्वारा किए गए हालिया अध्ययन ने इस सच्चाई को उजागर किया है कि अब मासूम उम्र में ही गंभीर बीमारियों ने दस्तक देना शुरू कर दिया है. 6 से 19 साल की उम्र के 3,888 बच्चों पर की गई इस रिसर्च में सामने आया कि कार्डियो-मेटाबोलिक समस्याएं अब केवल वयस्कों की बीमारी नहीं रहीं, बल्कि बचपन से ही इनका प्रभाव दिखने लगा है.

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Delhi News: दिल्ली के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे क्यों पढ़ रहे बीमार? AIIMS की रिसर्च ने उड़ाए होश
Delhi News: दिल्ली के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे क्यों पढ़ रहे बीमार? AIIMS की रिसर्च ने उड़ाए होश
Zee News Desk|Updated: Jun 01, 2025, 09:48 AM IST
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Delhi News: दिल्ली के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की सेहत को लेकर हाल ही में हुए एक शोध ने सबको चौंका दिया है. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) द्वारा किए गए इस अध्ययन में यह सामने आया कि राजधानी के बच्चे अब बचपन में ही हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा और डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं. इस रिसर्च में दिल्ली के 5 स्कूलों-3 सरकारी और 2 निजी में पढ़ने वाले 6 से 19 साल के 3,888 बच्चों को शामिल किया गया. इनमें से 1,985 बच्चे सरकारी और 1,903 निजी स्कूलों के थे. शोध का मकसद बच्चों की सेहत की वास्तविक स्थिति को जानना और उनकी जीवनशैली से जुड़ी समस्याओं को समझना था.

क्या निकले चौंकाने वाले नतीजे?
एनबीटी की रिपोर्ट्स के अनुसार एक-तिहाई बच्चे डिस्लिपिडेमिया से पीड़ित हैं, यानी उनके खून में लिपिड्स (कोलेस्ट्रॉल और फैट) का स्तर असामान्य है. करीब 15% किशोरों का ब्लड शुगर 100 mg/dl से ऊपर था, जो डायबिटीज से पहले की स्थिति मानी जाती है. इससे यह साफ हो गया कि भविष्य में इन बच्चों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.

निजी स्कूलों में स्थिति ज्यादा खराब
निजी स्कूलों के बच्चों में मोटापा और ब्लड शुगर की समस्या अधिक पाई गई. यहां 24.02% बच्चे अधिक वजन वाले और 22.70% मोटापे के शिकार थे, जबकि सरकारी स्कूलों में यह आंकड़ा क्रमशः 7.63% और 4.48% रहा. कमर का मोटापा भी निजी स्कूलों में अधिक देखा गया—16.77% बच्चों में.

हाई ब्लड प्रेशर में कोई अंतर नहीं
हैरानी की बात यह रही कि सरकारी और निजी दोनों स्कूलों के किशोरों में हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) लगभग समान था. सरकारी स्कूलों में 7.44% और निजी में 7.27%.

डॉक्टरों की चेतावनी और सलाह
AIIMS के डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि बच्चों की बिगड़ती दिनचर्या, फास्ट फूड की आदत और कम शारीरिक गतिविधियां इसकी मुख्य वजह हैं. डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों को हेल्दी डाइट और रोजाना एक्सरसाइज की जरूरत है. माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों को फास्ट फूड से दूर रखें और खेलने-कूदने के लिए प्रेरित करें.

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