Swati Maliwal Assault Case: AAP सांसद स्वाति मालीवाल से मारपीट के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में आरोपी बिभव कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने बिभव कुमार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि किसी महिला के ऊपर हाथ उठाते हुए उसे शर्म नहीं आई. इस मामले में SC ने दिल्ली पुलिस को भी नोटिस जारी करते हुए 7 अगस्त तक जवाब मांगा है.
13 फरवरी की घटना
13 फरवरी के दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल के आवास में दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और AAP सांसद स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट की खबर सामने आई. हालांकि, स्वाति मालीवाल की तरफ से 13 फरवरी को कोई FIR नहीं दर्ज कराई गई थी. वो थाने गईं, लेकिन बिना FIR दर्ज कराए वापस आ गईं. 16 फरवरी को इस मामले में स्वाति मालीवाल ने FIR दर्ज कराई, जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने बिभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया.
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सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
बिभव कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान उनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने एमएलसी रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि स्वाति मालीवाल की चोट साधारण और गैर खतरनाक हैं, जिस पर कोर्ट ने कहा कि सवाल छोटी या बड़ी चोट का नहीं है. कोर्ट ने कहा कि विभव को निजी सचिव के पद से हटाया जा चुका था, ऐसे में वो आखिर सीएम के घर पर कर क्या रहा था? क्या उसे युवा महिला पर हाथ उठाते हुए शर्म नहीं आई? कोर्ट ने कहा कि हम इस घटना से हतप्रभ हैं. क्या CM आवास किसी का अपना निजी आवास है.क्या ये अपेक्षा की जाती है कि 'इस तरह के गुंडे' CM आवास पर काम करें.
बिभव के रवैए पर नाराजगी
सुनवाई के दौरान SC ने बिभव कुमार के रवैए पर भी नाराजगी जताई. बिभव के वकील ने जब कोर्ट में हत्यारों को जमानत देने की दलील दी तो जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हमें इस तरह के मामलों का उदाहरण न दें. यहां पर जो भी हुई वो हमारी चिंता का कारण हैं. विभव कुमार ने जैसा व्यवहार किया उससे ऐसा लग रहा जैसे कोई गुंडा CM आवास में घुस आया हो. SC ने ये भी कहा कि हमें नहीं लगता कि वो अपनी इस हरकत पर शर्मिंदा है.