Delhi High Court: दिल्ली हाई कोर्ट ने एक बेहद भावुक और संवेदनशील मामले में बड़ा कदम उठाया है. इंडोनेशिया में मौत की सजा पाए तीन भारतीय नागरिकों के लिए कोर्ट ने विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास को तत्काल सहायता देने के निर्देश दिए हैं. यह फैसला उन परिवारों के लिए एक नई उम्मीद बनकर आया है, जो अपनों की जान बचाने के लिए पिछले कई हफ्तों से दर-दर भटक रहे थे.
जानकारी के अनुसार तमिलनाडु के रहने वाले राजू मुथुकुमारन, सेल्वादुरई दिनाकरन और गोविंदसामी विमलकांधन नामक तीन भारतीय नागरिकों को इंडोनेशिया की तांजुंग बलाई करीमुन जिला अदालत ने 25 अप्रैल 2025 को मादक पदार्थों से जुड़े एक मामले में मौत की सजा सुनाई थी. ये तीनों व्यक्ति वहां एक शिपयार्ड में काम करते थे और अपने परिवारों के लिए कमाने वाले इकलौते सदस्य थे. इनकी पत्नियों ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने बताया कि उनके पास कानूनी मदद लेने और अपील करने के लिए न तो पैसा है और न ही कोई जरिया. उनके इस दर्द और गुहार को सुनते हुए कोर्ट ने विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास को निर्देश दिया है कि वे तुरंत उचित कानूनी मदद सुनिश्चित करें और इन परिवारों के साथ संवाद कायम रखें.
कोर्ट ने यह भी कहा कि विदेश मंत्रालय इंडोनेशियाई सरकार से बातचीत करें ताकि किसी भी अंतरराष्ट्रीय समझौते या द्विपक्षीय संबंधों के तहत इन भारतीयों के अधिकारों की रक्षा हो सके. अदालत ने यह मामला अब 6 मई 2025 को फिर सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है, ताकि यह देखा जा सके कि इन निर्दोष भारतीयों की मदद के लिए क्या कदम उठाए गए हैं.
तीनों परिवारों के लिए यह फैसला किसी आशा की किरण से कम नहीं है. जब न्याय की उम्मीद लगभग खत्म हो चुकी थी, तब दिल्ली हाई कोर्ट का यह मानवीय फैसला उनके जीवन में नई रोशनी लेकर आया है. अब भारत सरकार की भूमिका अहम हो जाती है कि वो अपने नागरिकों को एक विदेशी जमीन पर न्याय दिलाने में पूरी ताकत से आगे आए.
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