Jhajjar News: CITU (सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स) के नेतृत्व में आशा वर्करों समेत कई यूनियनों ने झज्जर लघु सचिवालय पर शुक्रवार को प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार के नाम महिलाओं और स्कीम वर्कर्स की अलग-अलग मांगों का ज्ञापन उपायुक्त के माध्यम से भेजा. धरने की अध्यक्षता सीटू जिला उप प्रधान अनीता और सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान रामवीर ने की जबकि संचालन जिला सचिव किरण ने किया.
धरने के दौरान सीटू की पूर्व प्रधान और आशा वर्कर यूनियन की उप प्रधान प्रवेश मातनहेल ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अत्याचार लगातार बढ़ रहे हैं. सरकार को इसके खिलाफ ठोस कदम उठाने चाहिए. उन्होंने यह भी बताया कि सरकारी योजनाओं के बावजूद महिला कर्मचारियों की समस्याओं को अनदेखा किया जा रहा है.
सरकार के सामने रखी ये मांगें
1- सभी परियोजना वर्कों की प्रोत्साहन राशियों का समय पर भुगतान किया जाए.
2. हरियाणा विधानसभा चुनाव में महिलाओं को हर माह 2100 रुपये देने का BJP का वादा तुरंत पूरा किया जाए. इसे नवंबर 2024 से लागू किया जाए.
3. BJP अध्यक्ष मोहनलाल बडौली और गायक रॉकी मित्तल पर लगे सामूहिक बलात्कार के मामले की न्यायिक जांच हाईकोर्ट की निगरानी में करवाई जाए.
4 सभी कार्यस्थलों और शैक्षणिक संस्थानों में प्रिवेंशन ऑफ सेक्सुअल हैरेसमेंट एक्ट (POSH) को सख्ती से लागू किया जाए. हिंसा पीड़ित महिलाओं के पुनर्वास के लिए बजट का उचित प्रावधान किया जाए. जस्टिस वर्मा कमीशन की सिफारिशों को लागू किया जाए.
5- हत्याओं एवं अपराधों के खिलाफ सख्त कानून बनाया जाए. कपल प्रोटेक्शन होम्स की स्थिति को सुधारा जाए और उनका बजट बढ़ाया जाए.
6- घरेलू हिंसा कानून के समुचित क्रियान्वयन और सखी केंद्रों के लिए बजट बढ़ाया जाए. हर जिले पर सरकारी शॉर्ट-स्टे-होमस और कामकाजी महिलाओं के लिए होस्टल बनाए जाएं.
7. महिलाओं के लिए नौकरियों में 33 प्रतिशत आरक्षण लागू किया जाए. साथ ही पदोन्नति एवं वेतन के मामलों में लिंग भेद खत्म किया जाए. न्यू पेंशन स्कीम खत्म कर सबको सम्मानजनक पेंशन दी जाए. महिलाओं का मातृत्व लाभ, बच्चों के लिए क्रैच एवं डे केयर सैंटर्स सुनिश्चित किए जाएं.
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8. आंगनवाड़ी, आशा, मिड-डे-मील, क्रैच, मदर ग्रुप आदि के तौर पर काम कर रही सभी महिलाओं का रोजगार पक्का किया जाए. साथ ही इन परियोजनाओं में पर्याप्त बजट दिया जाए. घरों में साफ-सफाई व अन्य सेवाएं देने वाली महिलाओं को न्यूनतम वेतन व अन्य सामाजिक सुरक्षा दी जाए.
9. मनरेगा का बजट बढ़ाया जाए. प्रतिदिन 600 रुपये मजदूरी एवं 200 दिन का काम सुनिश्चित किया जाए. इस कानून को शहरों में भी लागू किया जाए. महिलाओं के लिए अलग से काम सृजित किए जाएं.
10. सकल घरेलू उत्पाद में अवैतनिक कार्य की गणना की जाए. घरेलू काम को भी मान्यता दी जाए व घरेलू महिलाओं को पैंशन दी जाए.
11. महिलाओं का भूमि व संपत्ति का अधिकार सुनिश्चित किया जाए. साथ ही MSP लागू किया जाए. चारों लेबर कोड्स और बिजली संशोधन बिल 2022 वापस लिया जाए.
12. मंहगाई को कम किया जाए. फैमिली आईडी कार्ड व अन्य शर्तों को हटाकर सभी जरूरतमंद परिवारों को 2 रुपए प्रति किलो के हिसाब से 35 किलो अनाज हर महीने दिया जाए. केरल सरकार की तर्ज पर राशन डिपो पर 14 चीजें दी जाएं. रसोई गैस व अन्य पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी वापस ली जाए.
13. सभी के लिए मुफ्त शिक्षा एवं मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा सुनिश्चित की जाए. निजीकरण को बंद किया जाए. दलित छात्रों की छात्रवृतियां समयबद्ध ढंग से दी जाएं.
14. कार्यस्थलों एवं सार्वजनिक स्थलों पर महिलाओं के लिए फ्री शौचालयों की व्यवस्था की जाए.
15. सभी सार्वजनिक स्थानों एवं बसों में CCTV कैमरे लगाए जाएं. बसों में महिलाओं की आरक्षित सीटों को महिलाओं के लिए सुनिश्चित किया जाए.
Input- Sumit Tharan