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Neerja Bhatla: कौन हैं 'पद्मश्री' सम्मान पाने वाली डॉ. नीरजा भटला, हेल्थ सेक्टर में उनकी क्या हैं उपलब्धियां

Padma Shri Award: दिल्ली के AIIMS की पूर्व प्रमुख डॉ. भटला काफी समय से सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए स्वदेशी वैक्सीन विकसित करने पर काम कर रही हैं. डॉ. भटला के मुताबिक, 35 से 45 वर्ष की आयु की महिलाओं के लिए एचपीवी परीक्षण बेहद जरूरी है.

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Neerja Bhatla: कौन हैं 'पद्मश्री' सम्मान पाने वाली डॉ. नीरजा भटला, हेल्थ सेक्टर में उनकी क्या हैं उपलब्धियां
Zee News Desk|Updated: Jan 26, 2025, 05:17 PM IST
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Delhi News: दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की पूर्व प्रमुख डॉ. भटला लंबे समय से सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए स्वदेशी वैक्सीन विकसित करने पर काम कर रही हैं. उन्होंने कम संसाधन वाले क्षेत्रों में स्क्रीनिंग, एचपीवी परीक्षण और किफायती वैक्सीन के विकास पर कई महत्वपूर्ण शोध परियोजनाओं का नेतृत्व किया है. उनका मानना है कि स्वदेशी वैक्सीनेशन के माध्यम से इस रोग को राष्ट्रीय स्तर पर कंट्रोल किया जा सकता है.

ये वायरस  है सर्वाइकल कैंसर का मेन कार्णन 
डॉ. भटला के मुताबिक, 35 से 45 वर्ष की आयु की महिलाओं के लिए एचपीवी (मानव पैपिलोमा वायरस) परीक्षण बेहद जरूरी है, क्योंकि यह वायरस सर्वाइकल कैंसर का प्रमुख कारण है. एचपीवी के 16 और 18 प्रकार इस बीमारी को उत्पन्न करने में सबसे अधिक योगदान देते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि महिलाओं में इस संक्रमण का पता चलने पर वैक्सीनेशन की संख्या बढ़ाने का सुझाव दिया जाता है, हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दो डोज़ भी 50 से 80 प्रतिशत तक सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं.

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डॉ. भटला के नेतृत्व में हो रही वैक्सीन विकसित 
डॉ. भटला के नेतृत्व में विकसित हो रही स्वदेशी वैक्सीन का परीक्षण अंतिम चरण में है और इसके परिणाम उत्साहजनक हैं. यदि यह सफल होती है, तो 9 से 14 साल की लड़कियों को राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत यह वैक्सीन दी जाएगी, जिससे सर्वाइकल कैंसर के मामलों में कमी आ सकेगी. भारत सरकार ने इस वर्ष पद्म पुरस्कारों के 139 नामों की घोषणा की, जिनमें 7 पद्म विभूषण, 19 पद्म भूषण और 113 पद्म श्री पुरस्कार शामिल हैं. इस सूची में 23 महिलाएं और 10 विदेशी शामिल हैं, साथ ही 13 पुरस्कार मरणोपरांत दिए गए हैं.

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