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भारत के इकलौते राजा को 76वें गणतंत्र दिवस समारोह का मिला निमंत्रण, कौन हैं रमन राजमन्नन? पढ़ें प्रेरणादायक कहानी

Kerala king Raman Rajamannan: गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होना रमन और उनके पूरे समुदाय के लिए गर्व की बात है. इस मौके पर उन्होंने अपने पारंपरिक परिधान पहनकर अपने समुदाय की संस्कृति को दिखाया.

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भारत के इकलौते राजा को 76वें गणतंत्र दिवस समारोह का मिला निमंत्रण, कौन हैं रमन राजमन्नन? पढ़ें प्रेरणादायक कहानी
भारत के इकलौते राजा को 76वें गणतंत्र दिवस समारोह का मिला निमंत्रण, कौन हैं रमन राजमन्नन? पढ़ें प्रेरणादायक कहानी
Zee News Desk|Updated: Jan 26, 2025, 09:36 AM IST
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Kerala king Raman Rajamannan: भारत के गणतंत्र दिवस परेड 2025 का आयोजन कई ऐतिहासिक पलों का गवाह बना है. इस बार यह समारोह खास था क्योंकि इसमें पहली बार एक आदिवासी राजा केरल के मन्नान समुदाय के 17वें राजा रमन राजमन्नन को शामिल होने का मौका मिला. यह न केवल उनके लिए बल्कि उनके पूरे समुदाय के लिए गर्व का विषय है.

कौन हैं रमन राजमन्नन?
रमन राजमन्नन जिनका असली नाम एन. बिनु है, केरल के इडुक्की जिले के कोझिमाला गांव के निवासी हैं. वे मन्नान समुदाय के 17वें राजा हैं और 2012 में अपने पूर्वज राजा आर्यन राजमन्नन के निधन के बाद गद्दी पर बैठे. मन्नान समुदाय एक अनुसूचित जनजाति है, जिसके लोग मुख्य रूप से खेती और मजदूरी से अपना जीवनयापन करते हैं. हालांकि, रमन का दर्जा एक प्रतीकात्मक राजा का है, लेकिन उनके पास अपने समुदाय का असीम प्रेम और समर्थन है.

गणतंत्र दिवस पर मिला खास निमंत्रण
इस साल का 76वां गणतंत्र दिवस समारोह रमन राजमन्नन और उनके समुदाय के लिए बेहद खास बन गया. उन्हें इस ऐतिहासिक परेड में शामिल होने का निमंत्रण अनुसूचित जाति और जनजाति कल्याण मंत्री ओ. आर. केलू द्वारा भेजा गया था. यह पहली बार था जब किसी आदिवासी राजा को इस तरह के राष्ट्रीय समारोह में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया. रमन अपनी पत्नी बिनुमोल के साथ दिल्ली पहुंचे और समारोह में गर्व के साथ शामिल हुए. उन्होंने इसे अपने समुदाय का प्रतिनिधित्व करने का शानदार अवसर बताया.

मन्नान समुदाय की संस्कृति और परंपराएं
मन्नान समुदाय केरल की एक अद्वितीय जनजाति है, जो अपनी पारंपरिक रीति-रिवाजों और संस्कृति को सहेजकर रखता है. यह समुदाय मुख्य रूप से इडुक्की वन्यजीव अभयारण्य के बफर जोन में फैली लगभग 48 बस्तियों में बसा हुआ है. इनके जीवन का आधार खेती और जंगलों से मिलने वाले संसाधन हैं. इनके समारोहों में पारंपरिक कपड़े जैसे पगड़ी या टोपी, पहनने की परंपरा है. राजा रमन राजमन्नन अपने समुदाय के हर छोटे-बड़े आयोजन में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं.

साधारण जीवन जीते हैं रमन राजमन्नन
हालांकि रमन राजमन्नन राजा हैं लेकिन उनका जीवन बेहद साधारण है. वे एक छोटे से घर में रहते हैं और अपने परिवार के साथ खेती करते हैं. उनके पास कोई भव्य महल या राजसी ठाट-बाट नहीं है, लेकिन उनके पास अपने लोगों का अटूट प्यार और विश्वास है. रमन का कहना है कि वे हमेशा अपने समुदाय की भलाई के लिए काम करते रहेंगे.

राष्ट्रीय मंच पर मिला सम्मान
गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होना न केवल रमन के लिए बल्कि उनके पूरे समुदाय के लिए सम्मान की बात है. इस अवसर पर उन्होंने अपने पारंपरिक परिधान पहनकर अपने समुदाय की सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित किया. समारोह में भाग लेने के बाद रमन ने कहा कि यह मेरे और मेरे समुदाय के लिए एक बड़ा सम्मान है. मैं इस पल को अपने लोगों को समर्पित करता हूं.

राष्ट्रीय स्तर पर आदिवासी पहचान को मजबूती
रमन राजमन्नन का गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेना यह दर्शाता है कि भारत की विविधता और उसके समुदायों को एक राष्ट्रीय मंच पर कैसे सम्मानित किया जा रहा है. यह कदम न केवल मन्नान समुदाय, बल्कि देश के अन्य आदिवासी समूहों को भी मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है. रमन का यह अनुभव उनके समुदाय के लिए प्रेरणा बनेगा और आने वाले समय में उनकी सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान को और मजबूत करेगा.

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