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Yamuna Expressway: यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे बनाया जाएगा 100 बेड का अस्पताल

सुप्रीम कोर्ट ने यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे और आसपास के क्षेत्रों में एकीकृत विकास के लिए भूमि अधिग्रहण की वैधता को बरकरार रखा है. यह निर्णय यमुना प्राधिकरण के लिए एक बड़ी जीत है और इससे 100 बिस्तरों के अस्पताल के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है.

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Yamuna Expressway: यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे बनाया जाएगा 100 बेड का अस्पताल
Deepak Yadav|Updated: Dec 02, 2024, 11:36 AM IST
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Yamuna Expressway: सुप्रीम कोर्ट ने यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे और आसपास के क्षेत्रों में एकीकृत विकास के लिए भूमि अधिग्रहण की वैधता को बरकरार रखा है. यह निर्णय यमुना प्राधिकरण के लिए एक बड़ी जीत है और इससे 100 बिस्तरों के अस्पताल के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. यह अस्पताल यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे रोनिजा गांव की जमीन पर बनाया जाएगा, जो कि क्षेत्र के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवा केंद्र बनेगा.

भूमि विवाद का समाधान
इस फैसले के बाद, भूमि विवाद के चलते रुका अस्पताल का निर्माण अब तेजी से आगे बढ़ेगा. यमुना प्राधिकरण ने अस्पताल के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी कर ली है. इससे पहले, किसानों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिकाओं के कारण अस्पताल का निर्माण अटका हुआ था. अब कोर्ट के आदेश के बाद प्राधिकरण को राहत मिली है.  

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ट्रॉमा सेंटर का निर्माण
यमुना एक्सप्रेसवे पर हादसों में घायलों के इलाज के लिए 10 बिस्तरों का ट्रॉमा सेंटर भी बनाया जा रहा है. इसका निर्माण दिसंबर तक पूरा होने की उम्मीद है. यह ट्रॉमा सेंटर एक्सप्रेसवे पर होने वाली दुर्घटनाओं के मामले में त्वरित चिकित्सा सहायता प्रदान करेगा. साथ ही, प्रदेश सरकार ने 100 बिस्तरों के अस्पताल के निर्माण की भी घोषणा की है, जिससे क्षेत्र के लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिल सकेंगी.  

क्षेत्रीय लाभ
ग्रेटर नोएडा से आगरा तक 165 किमी लंबे यमुना एक्सप्रेसवे पर हर तीन दिन में औसतन एक व्यक्ति की मौत हो रही है. सर्दियों में दुर्घटनाओं की संभावना अधिक रहती है, जिससे घायलों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता है. नए अस्पताल के खुलने से न केवल एक्सप्रेसवे से गुजरने वालों को लाभ होगा, बल्कि आसपास के गांवों के निवासियों को भी सस्ता और सुलभ इलाज मिल सकेगा. 

सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के  निलौनी शाहपुर, मिर्जापुर, रुस्तमपुर, डूंगरपुर रीलका, रामपुर बांगर, उस्मानपुर, अच्छेजा बुजुर्ग,  रोनिजा, कादरपुर, पचोकरा, रबूपुरा, चांदपुर, धनौरी के किसानों ने चुनौती दी थी. कोर्ट में कुल मिलाकर 35 याचिकाएं दायर कराई के गई थी और यह केस लंबे समय से विचाराधीन था. लेकिन अब किसानेों को कोर्ट से झटका लगा है.  किसानों की 35 याचिकाओं को खारिज कर दिया है. 

प्राधिकरण की तैयारी
यमुना प्राधिकरण के ओएसडी शैलेंद्र भाटिया ने कहा कि अब एक्सप्रेसवे के किनारे रुकी परियोजनाओं को पूरा करने में बाधा दूर हो गई है. प्राधिकरण जल्द ही अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू करेगा.

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