Yamuna Expressway News: यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) ने दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए आगरा को ग्रेटर नोएडा से जोड़ने वाले प्रमुख एक्सप्रेसवे पर ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को प्रतिबंधित कर दिया है. इस कदम ने कृषक समुदाय के एक बड़े वर्ग को नाखुश कर दिया है. इसके चलते कृषि निकाय जल्द ही विरोध में सड़कों पर उतरने पर विचार कर रहे हैं.
इस बीच प्राधिकरण ने उन किसानों को छूट देने का संकल्प लिया है, जिनकी भूमि ई-वे निर्माण के लिए अधिग्रहित की गई थी. जिससे उन्हें मार्ग पर अपने ट्रैक्टरों का उपयोग करने की अनुमति मिल सके.
YEIDA के अधिकारियों ने कहा कि ई-वे पर अन्य वाहनों की तुलना में ट्रैक्टर और ट्रॉली काफी धीमी गति से चलते हैं, जो लगातार दुर्घटनाओं का कारण रहा है. वहीं मांट टोल प्लाजा के प्रबंधक देवेंद्र सिंह ने बताया कि आदेश के बाद ई-वे पर ट्रैक्टरों को अनुमति नहीं दी जा रही है. जेवर टोल प्लाजा के मैनेजर जेके शर्मा ने भी बताया कि ई-वे से गुजरने वाले ट्रैक्टरों को तुरंत रोका जा रहा है. ई-वे पर ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर प्रतिबंध वापस न लेने पर किसानों ने विरोध प्रदर्शन की धमकी दी है.
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उन्होंने कहा कि ई-वे पर हल्के वाहनों के लिए अधिकतम स्पीड लिमिट 100 किमी प्रति घंटा है, जबकि भारी वाहनों के लिए यह 80 किमी प्रति घंटा है. हालांकि यह अधिकतम स्पीड लिमिट है, लेकिन ई-वे पर बहुत धीमी गति से गाड़ी चलाना घातक साबित हो सकता है. क्योंकि ट्रैक्टर की गति इतनी अधिक है और ट्रॉलियां तुलनात्मक रूप से काफी कम हैं, तेज गति से चलने वाले वाहन अक्सर उनसे टकराते हैं, जिसके परिणामस्वरूप दुर्घटनाएं होती हैं.
इसको लेकर भारतीय किसान यूनियन के मंडल अध्यक्ष राजकुमार तोमर ने कहा कि प्रतिबंध से किसानों को काफी नुकसान होगा और उनके लिए अपनी फसलों को प्रमुख बाजारों तक ले जाना मुश्किल हो जाएगा. जिससे उन पर वित्तीय बोझ बढ़ जाएगा. रविवार को एक बैठक की गई और अधिकारियों को एक ज्ञापन जारी किया. अगर YEIDA सोमवार तक आदेश वापस नहीं लेता है तो विरोध प्रदर्शन शुरू करने के लिए मजबूर होंगे.
YEIDA के अधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि यह प्रतिबंध दुर्घटनाओं को रोकने के लिए लगाया गया है. सभी टोल कर्मचारियों को निर्देश जारी किए गए थे, और केवल उन किसानों को छूट दी गई है जिनकी भूमि ई-वे के लिए अधिग्रहित की गई थी. इस संबंध में संबंधित जिला मजिस्ट्रेट के साथ चर्चा भी की गई. YEIDA के आंकड़ों के अनुसार, दुर्घटना-संभावित 165 किलोमीटर लंबे यमुना ई-वे पर उद्घाटन के बाद से पिछले 12 वर्षों में 1,300 से अधिक मौतें हुई हैं.
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