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Yamuna Nagar: खैर तस्करों ने वन कर्मियों पर की फायरिंग, बाल-बाल बचे वन कर्मी

Fearless Wood Smugglers: खिजराबाद बीट के घने जंगलों में उस रात सन्नाटा एकाएक गोलियों की आवाज से टूट गया. वन विभाग की टीम को सूचना मिली थी कि कुछ तस्कर चोरी-छिपे पकीमती खैर के पेड़ों की कटाई कर रहे हैं. जब पुलिस पहुंची तो तस्करों ने उन्हें देख लिया और अचानक गोलियों की बौछार शुरू कर दी.

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Yamuna Nagar: खैर तस्करों ने वन कर्मियों पर की फायरिंग, बाल-बाल बचे वन कर्मी
Yamuna Nagar: खैर तस्करों ने वन कर्मियों पर की फायरिंग, बाल-बाल बचे वन कर्मी
Zee News Desk|Updated: May 04, 2025, 01:37 PM IST
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यमुनानगर: यमुनानगर जिले के खिजराबाद बीट में बीती रात एक बेहद खतरनाक घटना सामने आई. जिसने वन विभाग की कार्यशैली और उनके साहस को एक बार फिर लोगों के सामने उजागर कर दिया. जंगल में सक्रिय खैर तस्करों ने उस वक्त फायरिंग कर दी जब वन विभाग की टीम अवैध कटाई की सूचना पर मौके पर पहुंची थी. गनीमत रही कि वन दरोगा और उनके दो साथी समय रहते सतर्क हो गए और अपनी जान बचाने में सफल रहे.

पुलिस के अनुसार घटना की शुरुआत तब हुई जब वन विभाग को सूचना मिली कि खिजराबाद बीट के जंगलों में खैर के पेड़ अवैध रूप से काटे जा रहे हैं. सूचना मिलते ही वन दरोगा अपनी टीम के साथ रात के अंधेरे में जंगल की ओर रवाना हुए. जब वे घटनास्थल के पास पहुंचे, तभी तस्करों ने उन्हें देख लिया और अचानक गोलियां चलानी शुरू कर दीं. जंगल में गूंजती गोलियों की आवाज से अफरातफरी मच गई. लेकिन बहादुर वन कर्मियों ने बिना घबराए खुद को सुरक्षित स्थान पर छिपा लिया और तस्करों की इस खतरनाक योजना से बाल-बाल बच निकले. इस दौरान तस्कर घबराकर मौके पर अवैध लकड़ी छोड़कर फरार हो गए.

घटना की जानकारी मिलते ही थाना प्रतापनगर पुलिस और वन विभाग की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची. घटनास्थल की गहन छानबीन की गई और जंगल से बरामद की गई खैर की लकड़ी को कब्जे में लिया गया. पुलिस ने मामला दर्ज कर तस्करों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए अभियान शुरू कर दिया है. यह पूरी घटना एक तरफ जहां तस्करों की बेखौफ हरकतों को दिखाती है, वहीं दूसरी तरफ हमारे वन कर्मियों के साहस और कर्तव्यनिष्ठा की मिसाल भी बनकर सामने आती है. ऐसे समय में जब जंगल और पर्यावरण की रक्षा के लिए दिन-रात जुटे कर्मियों को असामाजिक तत्वों का सामना करना पड़ता है, उनका साहस और समर्पण सच में सराहना के काबिल है. सरकार और प्रशासन से अपेक्षा है कि ऐसे बहादुर कर्मियों को सुरक्षा और सम्मान दोनों दिया जाए ताकि वे बिना डर के जंगलों की रक्षा कर सकें.

इनपुट -  कुलवंत सिंह

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