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Haryana News: यमुनानगर में दूषित पानी बना परेशानी का सबब, 2 दिन में बुखार के 78 केस सामने आए

Municipal Corporation: यमुनानगर के गांव तेजली में 2 दिन के अंदर लगभग बुखार के 78 केस सामने आए हैं. बता दें कि यहां बीमारी का कारण सफाई व्यवस्था की गड़बड़ी है. यहां के लोगों का कहना है किबीमारी फैलने के मुख्य कारण गंदा पानी था.    

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Haryana News: यमुनानगर में दूषित पानी बना परेशानी का सबब, 2 दिन में बुखार के 78 केस सामने आए
Zee Media Bureau|Updated: May 02, 2025, 05:56 PM IST
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Yamuna Nagar News: यमुनानगर नगर निगम के अंतर्गत आने वाले तेजली क्षेत्र में बीते 2 दिनों के अंदर बुखार के 78 संदिग्ध मामले सामने आने से स्थानीय लोगों में दहशत और चिंता का माहौल है. शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार बीमारी फैलने का मेन कारण दूषित पानी और क्षेत्र में फैली गंदगी मानी जा रही है. इलाके में सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है. नालियां ओवरफ्लो हो रही हैं और जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हुए हैं.

आ रहा गंदा पानी
स्थानीय निवासी बताते हैं कि पीने के पानी की पाइप लाइनें सीवरेज लाइनों के समानांतर गुजर रही हैं, जिससे लीकेज की स्थिति में गंदा पानी मिल रहा है. इस स्थिति ने बीमारियों को न्योता दिया है. कई घर ऐसे हैं जहां पूरा परिवार बीमार पड़ा है. लोगों को बुखार, उल्टी और पेट दर्द जैसी समस्याएं हो रही हैं. एक स्थानीय निवासी रमेश कुमार ने बताया कि हमने कई बार नगर निगम को सफाई के लिए शिकायत दी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. कई-कई दिन तक कचरा नहीं उठाया जाता, जिससे बदबू और मक्खियों का प्रकोप बढ़ गया है. एक अन्य निवासी सुनीता देवी ने कहा कि हमारे मोहल्ले में तो हालत ये है कि सीवरेज लाइन पूरी तरह जाम है. जो पाइपलाइन कई साल पहले बिछाई गई थी, वह अब खराब हो चुकी है. पीने का पानी भी बदबूदार आ रहा है. ऐसे में कैसे कोई स्वस्थ रह सकता है.

स्वास्थ्य टीम भेज किया गया चेकअप
स्वास्थ्य विभाग की ओर से कुछ टीमों को क्षेत्र में भेजा गया है और प्रभावित लोगों के ब्लड सैंपल लिए जा रहे हैं. रिपोर्टों में टाइफाइड के लक्षण भी सामने आए हैं. वहीं, कुछ जगहों पर पाइपलाइन की मरम्मत कराई गई है, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि जब तक पूरे इलाके की समुचित सफाई नहीं होती और जल-सीवरेज व्यवस्था को दुरुस्त नहीं किया जाता, तब तक ऐसी समस्याएं बनी रहेंगी. लोगों ने प्रशासन से अपील की है कि इस गंभीर स्थिति का स्थायी समाधान निकाला जाए ताकि भविष्य में इस तरह की बीमारी से बचा जा सके. जानकारी मिलते ही यमुनानगर जिला स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने 29 अप्रैल को एक रैपिड रिस्पॉन्स टीम (RRT) गांव में भेजी. पिछले 2 दिनों में टीम ने 380 घरों का सर्वे किया और 26 पुरुषों और 52 महिलाओं में बुखार के लक्षण पाए गए.

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इतने सैंपल किए गए एकत्र
बताया गया है कि RRT ने हेपेटाइटिस A, B, C और E, टाइफाइड (विडाल टेस्ट), लेप्टोस्पायरोसिस और स्क्रब टायफस की जांच के लिए 40-40 खून के नमूने एकत्र किए हैं. सभी सैंपल प्रयोगशाला में बैक्टीरियोलॉजिकल जांच के लिए भेजे गए हैं. प्रारंभिक जांच में पानी की आपूर्ति करने वाली पाइपलाइन में 2 स्थानों पर रिसाव पाया गया. कल विभिन्न घरों से लिए गए 11 पानी के नमूने पीने योग्य नहीं पाए गए.

Input- KULWANT SINGH

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