Renukaswamy Murder Case Update: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को रेणुकास्वामी हत्या मामले में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया. कोर्ट ने कन्नड़ एक्टर दर्शन और अन्य आरोपियों को जमानत देने के तरीके को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट की खिंचाई की. जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने हाईकोर्ट की कड़ी आलोचना करते हुए सवाल किया कि क्या अदालती विवेक का सही तरीके से इस्तेमाल किया गया है. अदालत ने पूछा, 'हमें यह कहते हुए दुख हो रहा है, लेकिन क्या उच्च न्यायालय सभी ज़मानत याचिकाओं में एक ही तरह के आदेश देता है?'
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, 'हमें हाई कोर्ट के रवैये से परेशानी हो रही है. देखिए, यह किस तरह से किया गया है. क्या हाई कोर्ट के जज की यही समझ है? अगर कोई सेशन जज होता तो हम समझ सकते थे. लेकिन एक हाई कोर्ट जज ऐसी गलती कैसे कर सकता है?' इसे 'विवेकाधिकार का विकृत प्रयोग' बताते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस बात की जांच कर रहा है कि क्या हाईकोर्ट ने इतने गंभीर मामले में ज़मानत देने से पहले 'विवेकपूर्ण ढंग से विचार' किया था. बेंच ने कहा, 'हम हाई कोर्ट वाली गलती नहीं दोहराएंगे. हम थोड़े गंभीर हैं क्योंकि यह हत्या और साज़िश का मामला है.'
अदालत कर्नाटक राज्य द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें 33 साल की रेणुकास्वामी की हत्या के मामले में अभिनेता दर्शन और अन्य को जमानत देने के हईकोर्ट के 13 दिसंबर, 2024 के आदेश को चुनौती दी गई थी. सुनवाई के दौरान बेंच ने तीखी टिप्पणियां भी कीं. सह-आरोपी पवित्रा गौड़ा के वकील को संबोधित करते हुए बेंच ने कहा, 'यह सब आपकी वजह से हुआ. अगर आप नहीं होते, तो A2 की इसमें कोई दिलचस्पी नहीं होती. अगर A2 की इसमें कोई दिलचस्पी नहीं होती, तो बाकी लोगों की भी इसमें कोई दिलचस्पी नहीं होती. इसलिए, आप ही इस समस्या की जड़ हैं.'
वहीं, सुनवाई के दौरान वकील ने अदालत के सामने दलील दी कि उन्हें आपत्तिजनक संदेश मिले थे और अपहरण या हत्या में शामिल आरोपियों से उनका कोई सीधा कॉल रिकॉर्ड नहीं है. लेकिन अदालत ने साफ किया कि वह 'सूक्ष्म दलीलों' की जांच नहीं कर रही है. बेंच ने कहा, "हमें देखना होगा कि अभियोजन पक्ष का मामला विश्वसनीय है या नहीं.' अदालत ने यह भी सवाल उठाया कि हाईकोर्ट ने गार्ड के तौर पर काम कर रहे किरण और पुनीत के चश्मदीद गवाहों के बयानों को कैसे खारिज कर दिया. बेंच ने पूछा, 'हाईकोर्ट ने यह क्यों कहा कि वे विश्वसनीय गवाह नहीं हैं?' हमारा आखिरी सवाल, 'हाईकोर्ट ने अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए इन दोनों बयानों पर कैसे कार्रवाई की?'
वहीं, राज्य सरकार की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि कॉल डेटा रिकॉर्ड, लोकेशन पिन, कपड़ों और गाड़ी पर लगे डीएनए और अन्य सबूत बयानों का समर्थन करती हैं. उन्होंने कहा, 'इन सभी की पुष्टि हो चुकी है.' बेंच ने एक आरोपी से प्राप्त सबूतों की प्रकृति पर भी सवाल उठाया. अदालत ने पूछा, 'आपने आरोपी संख्या 10 से एक मोबाइल फोन बरामद किया. कोई हमले की तस्वीरें क्यों लेगा?'
जब उन्हें बताया गया कि तस्वीरें A2 को भेजी गई थीं और एक तस्वीर में मृतक गिड़गिड़ाता हुआ दिखाई दे रहा था, तो बेंच चौंक गई. 'अविश्वसनीय है, मिस्टर लूथरा. ये लोग तस्वीरों के लिए पोज़ दे रहे हैं? हमला हो रहा है और ये पोज़ दे रहे हैं? अब मैं इस पंथ को समझ गया हूं जो अभिनेताओं की पूजा करता है.' लूथरा ने जवाब दिया कि सभी आरोपी दर्शन के फैन क्लब का हिस्सा थे. उन्होंने कहा, 'लोग सिर्फ़ पहुंच पाने के लिए उसके लिए कुछ भी करते हैं.' बेंच ने यह कहते हुए सुनवाई समाप्त की कि वह मामले की जांच करेगी और अपना आदेश सुनाएगी. 'हम बरी या दोषी ठहराए जाने का फैसला नहीं सुनाएंगे. लेकिन हम हाईकोर्ट के आचरण पर गौर करेंगे और फिर कोई फैसला लेंगे.'
FAQs
रेणुकास्वामी की हत्या कब हुई थी?
रेणुकास्वामी की हत्या 7 जून 2024 को हुई थी. रिपोर्ट के मुताबिक, रेणुकास्वामी का किडनैप कन्नड़ एक्टर दर्शन के एक सहयोगी रघु ने किया था. इसके उनकी पीट-पीटकर हत्या कर दी गई.
रेणुकास्वामी को क्यों अगवा किया गया था?
रेणुकास्वामी हत्याकांड के मामले में दर्शन थुगुदीपा और उनके साथियों द्वारा हत्या का मामला दर्ज है. रेणुकास्वामी चित्रदुर्ग के रहने वाले थे, जिन्हें कथित तौर पर पवित्रा गौड़ा को अश्लील मैसेज भेजने के बाद अगवा कर लिया गया था और उसके बाद उसे मार डाला. पुलिस ने इस मामले में दर्शन सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया है.
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