Parliament Session: संसद में आज मंगलवार 2025 को बजट का आठवां सत्र है. सदन में बजट 2025-26 को लेकर चर्चा की जा रही है. सदन के बीच में द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम ( DMK) सांसद दयानिधि मारन ने संस्कृत भाषा को लेकर एक बयान दिया है. उनके इस बयान पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आपत्ति जताई है.
'संसद में न हो संस्कृत का इस्तेमाल'
दरअसल DMK सांसद दयानिधि मारन ने सदन में हो रही बहस के अनुवाद में अन्य भाषाओं के साथ संस्कृत को शामिल करने को लेकर आपत्ति जताई है. उन्होंने सदन में कहा कि आप संसद में भाषण को संस्कृत नें अनुवाद करके टैक्सपेयर्स के पैसों को क्यों बर्बाद कर रहे हैं. सांसद के इस बयान पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें खरी-खोटी सुनाई.
इन भाषाओं में होगा अनुवाद
बता दें कि सदन में पहले भाषण को बंगाली, गुजराती, कन्नड, मलयालम, पंजाबी और उड़िया समेत 10 भाषाओं में अनुवाद करने की सुविधा थी.
DMK MP Dayanidhi Maran: Why are you wasting taxpayers' money on translating debates into Sanskrit?
Speaker Om Birla responds : In which country are you living? Debates are translated in 22 languages but you have problem with Sanskrit, with Hindi. It will be translated pic.twitter.com/q3CFXORsWM
— Megh Updates (@MeghUpdates) February 11, 2025
वहीं ओम बिरला ने अब इसमें बोडो, संस्कृत, डोगरी, ऊर्दू और मैथिली समेत अन्य भाषाओं को भी शामिल किया है, जिसको लेकर DMK सांसद ने आपत्ति जताई है. वहीं स्पीकर के इस फैसले पर अन्य DMK के सदस्यों ने नारेबाजी करना भी शुरु कर दिया.
स्पीकर की खरी खोटी
सांसद की इस हरकत पर ओम बिरला ने उन्हें खरी-खोटी सुनाते हुए कहा कि संस्कृत भारत की प्राथमिक भाषा रह चुकी है. उन्होंने कहा,' मैंने 22 भाषाओं की बात की सिर्फ संस्कृत की ही नहीं. आप मात्र संस्कृत पर ही आपत्ति क्यों जता रहे हैं.' उन्होंने कहा कि हिंदी भाषा की तरह संस्कृ भाषा में भी कार्यवाही का अनुवाद किया जाएगा.
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