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Doda Terrorist Attack: अगर ये 3 बातें न होती तो जहन्नुम में होते आतंकी, 5 सपूत नहीं होते शहीद

Doda Terrorist Attack: डोडा एनकाउंटर में भारतीय सेना के कैप्टन समेत पांच जवान शहीद हो गए हैं. पिछले तीन सप्ताह में डोडा जिले में आतंकियों से एनकाउंटर का ये तीसरा मामला है. जानें किस वजह से नहीं मारे गए आंतकी.

Doda Terrorist Attack: अगर ये 3 बातें न होती तो जहन्नुम में होते आतंकी, 5 सपूत नहीं होते शहीद
krishna pandey |Updated: Jul 17, 2024, 11:42 AM IST
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Doda Attack: जम्मू कश्मीर इन दिनों आतंकियों के निशाने पर है. बुधवार को तड़के डोडा में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच गोलीबारी हुई. इससे पहले मंगलवार को हुए मुठभेड़ में सेना के पांच जवान शहीद हो गए थे. सेना के अधिकारियों ने बताया आतंकियों को पकड़ने की कोशिश जारी हैं. इस गोलीबारी में सेना को किसी भी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है.

चार घंटे में 2 बार मुठभेड़
अधिकारियों ने बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि जम्मू-कश्मीर में डोडा जिले के वन क्षेत्र में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच चार घंटे के भीतर दो बार गोलीबारी हुई. अधिकारियों ने बताया कि सबसे पहले मंगलवार रात 10.45 बजे कलां भाटा में गोलीबारी की घटना हुई, इसके बाद देसा वन क्षेत्र में जारी आतंकवाद रोधी अभियान के दौरान देर रात दो बजे पंचन भाटा के पास गोलीबारी हुई. 

आतंकियों की तलाश जारी
अधिकारियों ने बताया कि खराब मौसम और दुर्गम इलाके के बावजूद आतंकवादियों की तलाश की जा रही है. ये आतंकवादी पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हुए हैं. सीमा पार से घुसपैठ कर वन क्षेत्र में छिपे आतंकवादियों के सफाए के लिए सेना पैरा कमांडो के साथ तलाश अभियान तेज कर रही है. इसमें ड्रोन और हेलीकॉप्टर की भी मदद ली जा रही है.

सेना आतंकियों को खत्म करने की खा रखी है कसम
सेना ने मंगलवार को एक बयान में कहा था कि वह सीमा पार से घुसपैठ कर आए विदेशी आतंकवादियों को खत्म करने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ संयुक्त अभियान चला रही है, जो जम्मू क्षेत्र के उधमपुर, डोडा और किश्तवाड़ जिलों के ऊपरी इलाकों में और उसके बाद कश्मीर की ओर बढ़ रहे हैं. सेना ने कहा था, ‘‘उत्तरी कमान की सभी इकाइयां जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के संकट को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इसके लिए अभियान जारी रहेंगे. 

 

सोमवार को पांच सैनिक हुए थे शहीद,
सोमवार और मंगलवार की रात को कैप्टन बृजेश थापा, नायक डी राजेश, सिपाही बिजेन्द्र और सिपाही अजय शहीद हो गए. पिछले तीन सप्ताह में डोडा जिले के जंगलों में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच ये तीसरी बड़ी मुठभेड़ है.

इन तीन वजहों से हाथ से निकल गए आतंकी
अधिकारियों ने बताया कि अंधेरा होने की वजह से, दुर्गम इलाके की वजह से और घने जंगल की वजह से आतंकी भाग निकले. आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने पर राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान दल के जवानों ने सोमवार देर शाम डोडा शहर से लगभग 55 किलोमीटर दूर देसा वन क्षेत्र के धारी गोट उरबागी में घेराबंदी कर तलाश अभियान शुरू किया था. 

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