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एक तीर से तीन निशाने... शिंदे-राज ठाकरे की 'डिनर डेट', क्या हैं इसके सियासी मायने

Eknath Shinde-Raj Thackeray Meeting: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को एमएनएस चीफ राज ठाकरे के आवास पर मुलाकात की. शिंदे ने इस मुलाकात को एक 'शिष्टाचार भेंट' बताया है, लेकिन अब इसके राजनीतिक मायने निकालने शुरू कर दिए हैं.

एक तीर से तीन निशाने... शिंदे-राज ठाकरे की 'डिनर डेट', क्या हैं इसके सियासी मायने
Sumit Rai|Updated: Apr 16, 2025, 08:26 AM IST
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Eknath Shinde-Raj Thackeray Dinner: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने मंगलवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) अध्यक्ष राज ठाकरे (Raj Thackeray) से मुंबई के दादर इलाके में उनके आवास पर मुलाकात की. शिवसेना के एक पदाधिकारी ने बताया कि राज ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को डिनर पर आमंत्रित किया था. पिछले साल हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद एकनाथ शिंदे की ठाकरे के निवास 'शिवतीर्थ' की यह पहली यात्रा थी.  सूत्रों ने बताया कि शिवसेना अध्यक्ष के साथ उनकी पार्टी के सहयोगी और उद्योग मंत्री उदय सामंत भी थे. इस दौरान राज ठाकरे के बेटे अमित और मुंबई एमएनएस अध्यक्ष संदीप देशपांडे भी मौजूद थे. शिंदे-ठाकरे की यह बैठक कई मायनों में अहम है और एक तीर से तीन निशाने साधे गए हैं.

क्या BMC चुनाव से पहले होगा गठबंधन?

एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और राज ठाकरे (Raj Thackeray) की यह बैठक इसलिए भी मायने रखती है कि इस साल बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) के चुनाव होने की उम्मीद है, जो पिछले तीन साल से लंबित हैं. शिंदे की शिवसेना और एमएनएस के बीच बीएमसी चुनाव (BMC Chunav) को लेकर अगर गठबंधन होता है तो उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना यूबीटी को बड़ा झटका लग सकता है. क्योंकि, विधानसभा चुनाव में शिंदे गुट ने उद्धव गुट से अच्छा प्रदर्शन किया था और एकनाथ शिंदे के उस दावे को मजबूती मिली थी कि उनका गुट ही असली शिवसेना है. अब बीएमसी चुनाव में अच्छा प्रदर्शन कर शिंदे यह साबित करना चाहेंगे कि मुंबई के लोग भी उन्हें बाल ठाकरे का उत्तराधिकारी मानते हैं.

भाषा विवाद पर आंदोलन के बीच बैठक

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) अध्यक्ष राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने पिछले कुछ समय से मराठी भाषा को लेकर एक बार फिर आंदोलन शुरू किया है और उनकी पार्टी महाराष्ट्र में हर जगह मराठी भाषा को ही इस्तेमाल करने की मांग कर रही है. भाषा विवाद पर आंदोलन के बीच दो बड़े मराठी नेताओं की मुलाकात महत्वपूर्ण है. एकनाथ शिंदे भी भाषा को लेकर अपनी बात रख चुके हैं. हाल ही में उन्होंने 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के समापन पर कहा था, 'भाषा हमारी पहचान है, आन-बान और शान है और भाषा ही हमारा अस्तित्व है. यदि भाषा मर गई तो हमारा अस्तित्व भी मर जाएगा, इसे ध्यान में रखते हुए सभी को इसके संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए.'

शिंदे-राज की नाराजगी की थीं अटकलें खत्म

पिछले साल हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान ऐसी अटकलें लगाई गई थी कि एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और राज ठाकरे (Raj Thackeray) के बीच सबकुछ ठीक नहीं है. दोनों के अनबन की चर्चा तब शुरू हुई थी, जब विधानसभा चुनाव के दौरान  माहिम सीट पर शिंदे की पार्टी के सदा सर्वणकर, एमएनएस के अमित ठाकरे और शिवसेना (UBT) के महेश सावंत मैदान में उतरे और यह मुकाबला त्रिकोणीय हो गया था. लेकिन, अंत में बाजी उद्धव गुट के महेश सावंत ने मारी. तब ऐसा कहा गया था कि माहिम सीट पर शिंदे गुट की तरफ से उम्मीदवार वापस नहीं लिए जाने से राज ठाकरे नाराज हो गए थे. हालांकि, इस मुलाकात ने उन सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है.

राजनीतिक अर्थ निकालना सही नहीं: एकनाथ शिंदे

हालांकि, एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने इस बैठक के बारे में स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि हर बैठक से राजनीतिक अर्थ निकालना उचित नहीं है. एकनाथ शिंदे ने संवाददाताओं से कहा कि राज ठाकरे के साथ उनकी मुलाकात एक 'शिष्टाचार भेंट' थी. उन्होंने कहा कि दोनों बालासाहेब ठाकरे के समय से साथ काम करते थे. शिंदे ने स्पष्ट किया, 'कुछ कारणों से हम कुछ समय से नहीं मिल पाए. आप इसका कारण जानते हैं, लेकिन अब हम कभी भी मिल सकते हैं और बात कर सकते हैं. वह मुझसे भी मिलते हैं. हर मुलाकात का राजनीतिक मतलब निकालना सही नहीं है.'

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