DNA Analysis: इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे सबसे ज्यादा मिडिल क्लास परिवार से ही आते हैं. और आज के दौर में मिडिल क्लास की जिंदगी EMI से चल रही है. बढ़ते खर्चों को पूरा करने के लिए लोग EMI यानि ईज़ी मंथली इन्स्टॉलमेंट का सहारा लेने लगे हैं. मिडिल क्लास की जिंदगी में EMI का बढ़ता हुआ चलन एक चिंता का विषय बनता जा रहा है. हर तरफ से EMI का जाल फैला हुआ है. जिससे लोगों की आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ रहा है. देश का एक बहुत बड़ा वर्ग कर्ज के बोझ में दबता जा रहा है.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ( RBI ) ने जून 2025 की अपनी फाइनेंशियल स्टेबिलिटी रिपोर्ट में जो आंकड़ा सामने रखा है उसके मुताबिक,
- भारत के हर व्यक्ति पर औसतन 4.8 लाख रुपए का कर्ज है.
- मार्च 2023 में ये कर्ज 3.9 लाख रुपए था.
- लेकिन बीते दो साल में इसमें 23 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
- यानी हर भारतीय पर औसतन 90 हजार रुपए का कर्ज और बढ़ गया है.
- RBI की रिपोर्ट के मुताबिक कर्ज का ये आंकड़ा भारत की GDP का 42 फीसदी है.
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— Zee News (@ZeeNews) July 10, 2025
सीमित कमाई, बढ़ती महंगाई और लग्जरी लाइफ स्टाइल की वजह से लोग अपने ऊपर EMI का दबाव बढ़ाते जा रहे हैं. यदि आप EMI के जाल से बचना चाहते हैं तो आपको अपनी वित्तीय आदतों में बदलाव करने की जरूरत है.
- अपनी जरूरत और अपनी आय के अनुसार ही EMI लें.
- किसी भी चीज को खरीदने से पहले यह सोचें कि वो आपके लिए कितना जरूरी है.
- हर तरह के शौक को पूरा करने की जगह सबसे पसंदीदा शौक पर ही खर्च करें.
- सेविंग्स और इमरजेंसी फंड में लगातार निवेश करें.
- EMI चुकाने के लिए एक बजट बनाएं और उसका पालन करें और जितनी जल्द हो सके कर्जों को खत्म करें.
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