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Explained: क्या वक्फ बोर्ड एक अलग 'सरकार' है; कितनी जमीन का मालिक, अब सरकार क्यों कतरना चाहती है पर?

Waqf Board: आज यानी बुधवार को संसद में वक्फ संशोधन बिल 2024 पेश किया जाएगा. इसको लेकर लोग दो हिस्सों में बंटे हुए हैं. संसद में बिल पेश होने से पहले हम आपको वक्फ बोर्ड के बारे में कुछ अहम जानकारियां देने जा रहे हैं. 

Explained: क्या वक्फ बोर्ड एक अलग 'सरकार' है; कितनी जमीन का मालिक, अब सरकार क्यों कतरना चाहती है पर?
Updated: Apr 02, 2025, 08:40 AM IST
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Waqf Board Controversy: वक्फ संशोधन बिल 2024 आज संसद में पेश किया जाएगा. इसको लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है. साथ ही मुस्लिम समाज भी इस बिल के खिलाफ जमकर विरोध कर रहा है. यह बिल 'वक्फ अधिनियम 1995' में बदलाव करने के लिए लाया गया है. इस बिल का मकसद वक्फ बोर्ड्स के काम करने के तरीके में पारदर्शिता, जवाबदेही लाना और इन निकायों में महिलाओं की अनिवार्य रूप से भागीदारी को यकीनी बनाना है.

वक्फ क्या है?

वक्फ का अर्थ है किसी चल-अचल संपत्ति को धार्मिक, परोपकारी या समाजसेवा के मकसद से स्थायी तौर पर समर्पित करना. यह संपत्ति बेची, दान या स्थायी रूप से लीज पर नहीं दी जा सकती.

वक्फ एक्ट 1995 क्या कहता है?

वक्फ अधिनियम 1995 के मुताबिक वक्फ का मतलब है किसी भी शख्स के ज़रिए अपनी जायदाद को इस्लामी धर्म में बताए गए पवित्र, धार्मिक या परोपकारी मकसद के लिए स्थायी रूप से समर्पित करना है.

भारत में वक्फ बोर्ड के पास कितनी जमीन है?

भारत में वक्फ बोर्ड के पास 8.7 लाख संपत्तियां हैं, जो 9.4 लाख एकड़ भूमि में फैली हुई हैं. इनकी अनुमानित कीमत 1.2 लाख करोड़ रुपये है. यह भारतीय रेलवे और रक्षा बलों के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ी जमीन का मालिक भी है.

सरकार इस कानून में संशोधन क्यों कर रही है?

सरकार का कहना है कि वक्फ बोर्डों की पारदर्शिता बढ़ाने के लिए यह बदलाव जरूरी हैं. नए कानून के तहत वक्फ बोर्डों को अपनी संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन ज़िला कलेक्टर के पास कराना अनिवार्य होगा. वर्तमान में वक्फ बोर्ड के सदस्य चुनाव के ज़रिए से चुने जाते हैं, लेकिन संशोधित कानून लागू होने के बाद सभी सदस्यों की नियुक्ति सरकार के जरिए की जाएगी. इसको लेकर आशंका है कि इससे सरकार को वक्फ बोर्ड पर पूरा कंट्रोल मिल सकता है. 

क्या गैर-मुस्लिम भी वक़्फ़ बोर्ड के सदस्य बन सकते हैं?

संशोधन विधेयक के मुताबिक अब वक्फ बोर्ड का CEO कोई भी गैर-मुस्लिम व्यक्ति भी बन सकता है. इसके अलावा कम से कम दो सदस्यों का गैर-मुस्लिम होना अनिवार्य होगा.

भारत में कितने वक्फ बोर्ड हैं?

भारत में कुल 30 वक्फ बोर्ड हैं.

वक्फ संपत्तियों के प्रकार

वक्फ संपत्तियों में कृषि भूमि, मस्जिद, दरगाह, मदरसे, कब्रिस्तान, ईदगाह, स्कूल, दुकानें और अन्य सामाजिक व धार्मिक जगहें शामिल हैं.

वक्फ से जुड़े विवाद और कानूनी मामले

सरकार के मुताबिक इस समय 40951 मामले वक़्फ़ ट्रिब्यूनल में पेंडिंग हैं. इनमें से 9942 मामले मुस्लिम समुदाय के ज़रिए वक्फ बोर्ड के खिलाफ दाखिल किए गए हैं.  

क्या वक्फ बोर्ड किसी भी जायदाद पर दावा कर सकता है?

वक्फ बोर्ड सिर्फ उन्हीं संपत्तियों पर दावा कर सकता है जो इस्लामिक धर्मार्थ मकसदों के लिए दान की गई हैं. वक्फ एक्ट में कहीं भी यह जिक्र नहीं है कि वक्फ बोर्ड किसी भी निजी संपत्ति पर सीधे दावा कर सकता है.

वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन कैसे होता है?

वक्फ जायदाद की देखरेख एक मुतवल्ली (प्रबंधक) करता है. इन संपत्तियों की लिस्ट वक्फ सर्वे कमिश्नर के जरिए तैयार की जाती है, जो स्थानीय जांच, गवाहों की सुनवाई और दस्तावेजों की समीक्षा की बुनियाद पर रिपोर्ट तैयार करता है.

क्या वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसले हाईकोर्ट में चुनौती दी जा सकती है?

हां, वक्फ ट्रिब्यूनल के किसी भी फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी जा सकती है. हाईकोर्ट ट्रिब्यूनल के फैसले को बरकरार रख सकता है, बदल सकता है या रद्द कर सकता है. 

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