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जो लड़ना चाहते हैं लड़ें... हम केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं, आखिर क्यों भड़क उठे फारुक अब्दुल्ला

जम्मू-कश्मीर के चहुमुखी विकास का वादा करके बहुमत हासिल करने वाली नेशनल कान्फ्रेंस (NC) के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला ने राज्य के विकास के लिए बड़ा बयान दिया है. अब्दुल्ला ने कहा कि वह यहां किसी से लड़ने के लिए नहीं आए हैं.

जो लड़ना चाहते हैं लड़ें... हम केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं, आखिर क्यों भड़क उठे फारुक अब्दुल्ला
Syed Khalid Hussain|Updated: Jan 11, 2025, 01:38 AM IST
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सैयद खालिद हुसैन, श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के चहुमुखी विकास का वादा करके बहुमत हासिल करने वाली नेशनल कान्फ्रेंस (NC) के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला ने राज्य के विकास के लिए बड़ा बयान दिया है. अब्दुल्ला ने कहा कि वह यहां किसी से लड़ने के लिए नहीं आए हैं. उनकी पार्टी NC लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहती है, इसलिए जो कोई भी मोदी सरकार से लड़ाई कर चाहता है, वो जाकर लड़ सकता है, उन्हें बस काम करना है और अपने लोगों की जिंदगी आसान बनानी है.

अपनी ही सरकार को घेरने वाले सांसद को जवाब

नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के लोकसभा सांसद आगा रूहुल्लाह मेहदी की आलोचना के जवाब में डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने मेहदी को सलाह दी है कि उन्हें, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व को सार्वजनिक रूप से चुनौती देने के बजाय सीधे केंद्र सरकार से अपनी शिकायत साझा करनी चाहिए. पत्रकारों से बातचीत में अब्दुल्ला ने मेहदी के अपनी चिंताओं को जताने के अधिकार का समर्थन किया, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने उमर अब्दुल्ला की लीडरशिप को चुनौती देने को लेकर उन्होंने उन्हें लोकतांत्रिक जनादेश का सम्मान करने का सबक याद दिलाया.

'उमर के फैसले सिर्फ जनहित में होते हैं'

फारूक अब्दुल्ला ने कहा, 'वह केंद्र सरकार से लड़ने के लिए स्वतंत्र हैं'. उन्होंने जोर देकर कहा, 'उमर अब्दुल्ला पर कोई भी अपनी शर्तें थोप नहीं सकता. वो केवल जम्मू-कश्मीर के लोगों की इच्छा का सम्मान करते हैं. सीएम के सारे फैसले लोगों की जरूरतों और आकांक्षाओं से प्रेरित होते हैं.'

फारूक अब्दुल्ला ने इस बात पर जोर दिया कि जम्मू-कश्मीर के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए नई दिल्ली की केंद्र सरकार के साथ टकराव कोई रचनात्मक तरीका नहीं है. उन्होंने कहा, 'हम नई दिल्ली से लड़ना नहीं चाहते. हम जम्मू-कश्मीर की समस्याओं को हल करने के लिए मिलकर काम करना चाहते हैं. जो लोग लड़ना चाहते हैं, वे बेशक ऐसा कर सकते हैं, लेकिन हम रचनात्मक जुड़ाव में विश्वास करते हैं. हम केंद्र सरकार के साथ सहयोग के लिए पार्टी की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं.'

बीजेपी पूरा करेगी वादा: अब्दुल्ला 

फारुक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के भविष्य की स्थिति के बारे में आशा जताते हुए कहा कि बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार राज्य का दर्जा बहाल करने के अपने वादे को पूरा करेगी. इन बयानों की पृष्ठभूमि में उमर अब्दुल्ला के खिलाफ मेहदी का हालिया विरोध शामिल है, जहां उन्हें पीडीपी के इल्तिजा मुफ्ती और वहीद-उर-रहमान पारा सहित विपक्षी दलों के नेताओं का समर्थन प्राप्त था. नेशनल कॉन्फ्रेंस के भीतर इस आंतरिक असंतोष ने तनाव को बढ़ा दिया है क्योंकि पार्टी नेता विपक्षी गठबंधनों के साथ अपनी भूमिका और संबंधों को लेकर बातचीत कर रहे हैं.

'एनसी को घेर रहा विपक्ष'

सज्जाद लोन और महबूबा मुफ़्ती जैसे विपक्षी नेताओं ने मेहदी का समर्थन करते हुए फारूक और उमर अब्दुल्ला पर भाजपा के साथ मिलीभगत करने और अनुच्छेद 370 की बहाली जैसे मुद्दों पर झूठे वादों से जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया है. उनका तर्क है कि मेहदी का रुख उन घटकों के बीच व्यापक भावना को दर्शाता है जो पार्टी के घोषणापत्र का पालन करने और अनुच्छेद 370 को बहाल करने की प्रतिबद्धता की उम्मीद करते हैं, जिसके लिए उनका मानना ​​है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस को महत्वपूर्ण जनादेश मिला है.

क्यों भड़के हैं फारुक अब्दुल्ला?

जैसे-जैसे नेशनल कॉन्फ्रेंस के भीतर तनाव बढ़ता जा रहा है, पार्टी का एक धड़ा खुले तौर पर मेहदी की टिप्पणियों की आलोचना कर रहा है. जिससे पार्टी का आंतरिक राजनीतिक परिदृश्य तेजी से बदलता दिख रहा है. दरअसल मेहदी अपने रुख पर अड़े हैं और लगातार उमर को चुनौती देते हुए ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं जिससे फारूक अब्दुल्ला की नाराजगी बढ़ गई है.

नेशनल कॉन्फ्रेंस के भीतर चल रही राजनीतिक खींचतान नेशनल कॉन्फ्रेंस नेतृत्व के सामने आने वाली चुनौतियों को उजागर करती है क्योंकि पार्टी आंतरिक असंतोष और बाहरी दबाव दोनों को संबोधित करते हुए एकता बनाए रखने का प्रयास कर रही है. 

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