Kulgam Attack: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में सोमवार को हुए एक आतंकवादी हमले में एक पूर्व सैन्यकर्मी की मौत हो गई और उनकी पत्नी व एक रिश्तेदार समेत दो महिलाएं जख्मी हो गईं. अधिकारियों ने बताया कि कम से कम दो आतंकवादियों ने जिले के बेहीबाग इलाके में मंजूर अहमद वागे, उनकी पत्नी और एक रिश्तेदार पर उनके घर के बाहर गोलियां चलाईं. इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर के ऑफ़शूट आतंकी संगठन टीआरएफ ने ली है. हमले के बाद सिक्योरिटी फोर्सेज़ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 500 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है.
कुलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षाबल आक्रामक मूड में हैं. घटना के महज 12 घंटे बाद ही जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पूरे कश्मीर में रातभर छापेमारी कर संदिग्धों, आतंकियों के सहयोगियों और आतंकी गतिविधियों में पहले शामिल रहे लोगों के 500 से ज्यादा साथियों और परिचितों को हिरासत में लिया है. सीनियर पुलिस अधिकारी ने कहा,'हमने आतंकवादी नेटवर्क से जुड़े लोगों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने के लिए घाटी में बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू की है. इस तरह के किसी भी अन्य हमले को रोकने और कल के हमलावरों को पकड़ने के लिए 500 से ज्यादा संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है.
पुलिस के सूत्रों ने कहा कि घाटी में ऐसे और हमलों की सूचना है, जहां ऐसे निहत्थे पूर्व सैन्य, पूर्व पुलिस सेवानिवृत्त लोगों को निशाना बनाया जा सकता है, इसलिए इसे ध्यान में रखते हुए पूरे कश्मीर में सुरक्षा को अलर्ट कर दिया गया है. इसके अलावा टीआरएफ ने आगे भी इस तरह के हमलों को अंजाम देने की धमकी दी है. संगठन ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कहां हैं या किसके साथ हैं, आपको ढूंढा जाएगा.
सोमवार को हमले में मारे जाने वाले मंजूर अहमद टरटोरियल सेना के पूर्व जवान थे. हमले में जबकि उनकी पत्नी और रिश्तेदार का अस्पताल में इलाज चल रहा है. उनकी पत्नी आइना अख्तर (32) और नाबालिग लड़की सानिया हमीद (13) के पैर में चोटें आई हैं और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है. वागे 2021 में रिटायर्ड हुए थे. उनके परिवार के सदस्यों ने कहा कि सेना से रिटायर्ड होने के बाद वह पशुपालन का काम कर रहे थे.
हमले की जिम्मेदारी लश्कर के ऑफशूट आतंकी संगठन टीआरएफ ने ली है. टीआरएफ ने अपने मीडिया विंग 'झेलम मीडिया हाउस' के नाम से सोशल मीडिया पर पोस्ट जारी कर इस घटना की जिम्मेदारी ली है. उन्होंने पोस्ट में लिखा है,'कुलगाम की घटना उन सभी लोगों के लिए एक साफ संदेश है, जो सेवारत या सेवानिवृत्त हैं और उन्हें अपने बुरे कर्मों की कीमत चुकानी होगी. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कहां हैं या किसके साथ हैं, आपको ढूंढा जाएगा.'
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