Air India crash: एयर इंडिया की फ्लाइट क्रैश को लेकर तमाम तरह की जांच और प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. इसी कड़ी में एविएशन एक्सपर्ट मार्क मार्टिन ने अपनी राय दी है. उन्होंने कहा कि टेकऑफ और लैंडिंग के वक्त पायलट का पूरा ध्यान फ्लाइट कंट्रोल पर होता है. ऐसे में कोई भी अनुभवी पायलट स्विचों से छेड़छाड़ नहीं करेगा. उनका यह बयान तब आया है जब उस हादसे की बात चली जिसमें 12 जून को अहमदाबाद से उड़ान भरते ही विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इसमें एक यात्री को छोड़कर सभी की जान चली गई.
'स्विच से छेड़छाड़ की बात अव्यवहारिक
असल में मार्क मार्टिन एक कंसल्टिंग एजेंसी के सीईओ. उन्होंने न्यूज एजेंसी से कहा कि टेकऑफ के वक्त पायलट हाथ से विमान को नियंत्रित करता है और आमतौर पर 2000 फीट की ऊंचाई पर ऑटोपायलट चालू किया जाता है. ऐसे समय में कॉकपिट के बीच में लगे ईंधन स्विच से छेड़छाड़ की बात अव्यवहारिक लगती है. प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों फ्यूल कंट्रोल स्विच ‘रन’ से ‘कटऑफ’ मोड में चले गए जिससे दोनों इंजन बंद हो गए.
गहराई से जांच होनी चाहिए
इस मामले में खुलासा हुआ कि कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में एक पायलट दूसरे से पूछते हुए सुना गया कि तुमने फ्यूल बंद क्यों किया? जिस पर जवाब आया कि मैंने तो नहीं किया. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मार्टिन ने कहा कि टेकऑफ के दौरान पायलट केवल लैंडिंग गियर या फ्लैप्स के कंट्रोल पर ध्यान देता है न कि थ्रस्ट के पीछे लगे फ्यूल स्विच पर. उनका कहना है कि इस हादसे की गहराई से जांच होनी चाहिए क्योंकि इसका असर दुनियाभर के 787 ऑपरेटरों पर पड़ सकता है.
230 यात्री सवार थे..
जांच रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि उड़ान से पहले दोनों पायलटों को पर्याप्त आराम मिला था और ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट में वे पूरी तरह फिट पाए गए थे. को पायलट उड़ान चला रहा था जबकि मुख्य पायलट मॉनिटर कर रहे थे. विमान में 230 यात्री सवार थे. जिनमें 15 बिजनेस क्लास और 215 इकोनॉमी क्लास में थे. विस्तृत जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है जिससे असली वजह सामने आ सके. Ians Input
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