Politics News: भारत सरकार की ओर से सीमा पार आतंकवाद और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सर्वदलीय सांसदों का डेलिगेशन दुनिया को अपने रुख से वाकिफ करवाने वाला है. इस प्रतिनिधिमंडल में 7 लोग शामिल होंगे, जिसमें कांग्रेस पार्टी के भी कुछ सदस्य होंगे. देशभर में अब इसको लेकर भी राजनीति होने लगी है.
कांग्रेस के आरोप को किया खारिज
सरकार ने कांग्रेस के उस आरोप को खारिज किया है, जिसमें उसने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के लिए विदेश जाने वाले 4 सांसदों को नामित करने के लिए कहा था, लेकिन उनमें से 3 को खारिज कर दिया गया. इसको लेकर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे को केवल शिष्टाचार के नाते प्रतिनिधिमंडल के बारे में जानकारी दी गई थी. 'टाइम्स ऑफि इंडिया' की रिपोर्ट के मुताबिक रिजिजू ने कहा,' पार्टियों से अपने प्रत्याशियों की सिफारिश करने के लिए कहना कभी भी चलन में नहीं रहा है.' उन्होंने कहा,' हमने शिष्टाचार के नाते उन्हें ये बताया.'
नामांकन का कांग्रेस ने किया विरोध
किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार ने इसपर ध्यान दिया कि प्रतिनिधिमंडल के मिशन के लिए कौन अधिक उपयुक्त होगा. उन्होंने कहा,' "हम शशि थरूर और मनीष तिवारी जैसे अपने सदस्यों के नामांकन के विरोध से हैरान हैं. विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामलों पर किसी भी बहस में ये दोनों अपनी तरफ से महत्वपूर्ण आवाज रहे हैं और अभी एक साल भी नहीं हुआ है जब उन्होंने थरूर को विदेश मामलों की स्थायी समिति का प्रमुख बनाने की सिफारिश की थी.'
प्रतिनिधिमंडल को लेकर कांग्रेस का आरोप
किरेन रिजूजू ने सरकार के इस चुनाव पर कांग्रेस की आलोचना को लेकर कहा कि सरकार ने पार्टी की आंतरिक गतिशीलता और उसके साथ आने वाली इनसिक्योरिटी और जलन को ध्यान में नहीं रखा. उन्होंने कहा,' हमने सलमान खुर्शीद और पंजाब से उनके सांसद अमर सिंह को भी चुना. उनके बारे में आपका क्या कहना है?' बता दें कि कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने राहुल गांधी की सिफारिशों की कीमत पर शशि थरूर और मनीष तिवारी के नामों पर सहमति जताने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की थी. उन्होंने कहा था,' इससे मोदी सरकार की पूरी तरह से निष्ठाहीनता साबित होती है और यह दिखाता है कि राष्ट्रीय मुद्दों पर वह हमेशा से ही घटिया राजनीति करती रही है.'
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