PM Modi old Post On Tahawwur Rana: 26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को आखिरकर गुरुवार शाम अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित कर दिया गया. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने नई दिल्ली के आईजीआई हवाई अड्डे पर पहुंचते ही उसे हिरासत में लिया. इसके बाद राणा को पटियाला हाउस स्थित एनआईए की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 18 दिन की हिरासत में भेज दिया गया. एनआईए अब राणा से 2008 के मुंबई हमलों की साजिश के बारे में विस्तार से पूछताछ करेगी, जिसमें 166 लोग मारे गए थे और 238 से अधिक घायल हुए थे.
5055 दिन पुराना पोस्ट वायरल
इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 14 साल पुराना एक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री रहे मोदी ने 2011 में तत्कालीन यूपीए सरकार की विदेश नीति की आलोचना की थी, जब अमेरिकी अदालत ने राणा को मुंबई हमलों में "निर्दोष" करार दिया था. इस फैसले को उन्होंने भारत की संप्रभुता का अपमान और विदेश नीति की बड़ी नाकामी बताया था.
भारत की संप्रभुता का अपमान
मोदी ने 10 जून 2011 को एक पोस्ट में खिला था "अमेरिका द्वारा तहव्वुर राणा को मुंबई हमले में निर्दोष घोषित करना भारत की संप्रभुता का अपमान है और यह एक बड़ा विदेश नीति झटका है."
2011 में अमेरिकी अदालत ने राणा को 2008 के मुंबई हमलों की साजिश में सीधे शामिल होने से बरी कर दिया था, जिसमें 166 लोग मारे गए थे. हालांकि, उसे आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को समर्थन देने का दोषी ठहराया गया था.
US declaring Tahawwur Rana innocent in Mumbai attack has disgraced the sovereignty of India & it is a “major foreign policy setback”
— Narendra Modi (@narendramodi) June 10, 2011
"मोदी है तो मुमकिन है"
राणा का प्रत्यर्पण होते ही जिसके पीएम मोदी का यह पुराना पोस्ट फिर चर्चा में आ गया. सोशल मीडिया पर लोगों ने इसे शेयर करते हुए पीएम मोदी की तारीफ की. एक यूजर ने लिखा, "एक नेता जो अपनी बात पर कायम रहता है. मेरे कप्तान!" दूसरे ने कहा, "आपने कर दिखाया सर! बहुत-बहुत बधाई!" कई लोगों ने "मोदी है तो मुमकिन है" का नारा लिखा.
पीएम मोदी के रहते राणा की प्रत्यर्पण की पुष्टि
आपको बता दें कि इस साल फरवरी में पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने राणा के प्रत्यर्पण की पुष्टि की थी. राणा को लेकर एक विशेष विमान गुरुवार शाम दिल्ली पहुंचा, जब उनकी सभी कानूनी अपीलें खारिज हो चुकी थीं. उन्हें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की 18 दिन की हिरासत में भेज दिया गया है.
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