Gujarat girl Chandrika Chaudhary death was honour killing: गुजरात के बनासकांठा में 18 साल की चंद्रिका चौधरी की मौत ने सबको हैरान कर दिया. अब इस मामले में जो खुलासे हुए हैं वह तो और भी हैरान करने वाले हैं. यह कोई हादसा नहीं, बल्कि एक सोची-समझी हत्या थी, जिसे ‘ऑनर किलिंग’ कहा जा रहा है. आइए जानते हैं पूरी कहानी. टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, बनासकांठा की 18 साल की चंद्रिका जो एमबीबीएस की तैयारी कर रही थी, जिनकी रहस्यमय मौत ने सभी को हैरान कर दिया था.
पुलिस की जांच में खौफनाक खुलासे
अब पुलिस जांच में जो पुष्टि हुई है वह बहुत हैरान करने वाली है. पुलिस ने बताया है कि यह न तो आत्महत्या थी और न ही दिल का दौरा, बल्कि एक पूर्व-नियोजित 'ऑनर किलिंग' थी. जांच से पता चला है कि उसके पिता और चाचा ने कथित तौर पर उसकी हत्या इसलिए की क्योंकि उसने एक ऐसे व्यक्ति के साथ अपना भविष्य बनाने का सपना देखा था जिसे वे स्वीकार नहीं करते थे.
चाचा ने बेहोशी की गोलियां खिलाई
चंद्रिका को उसके परिवार ने गुजरात उच्च न्यायालय में उसके साथी हरेश चौधरी की याचिका पर सुनवाई से दो दिन पहले मृत घोषित कर दिया था. बनासकांठा के थराद पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के अनुसार, चंद्रिका को उसके चाचा शिवराम चौधरी ने 24 जून की शाम को उसके पिता सेंधा चौधरी के कहने पर बेहोशी की गोलियां मिला दूध पिलाया था. उसे इसे पीने और आराम करने के लिए कहा गया था.
लिव-इन में रहने पर अड़ी थी चंद्रिका
चंद्रिका अपने दोस्त हरीश के साथ लिव-इन में रहना चाहती थी और डॉक्टर बनने का सपना देख रही थी.लेकिन उसके परिवार को यह मंजूर नहीं था. पुलिस की जांच में पता चला कि चंद्रिका के पिता सेंधा चौधरी और चाचा शिवराम चौधरी ने मिलकर उसकी हत्या की.
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डॉक्टर बनना चाहती थी चंद्रिका
चंद्रिका MBBS की तैयारी कर रही थी. उसने NEET 2025 में 490 अंक हासिल किए थे और 12वीं में 80% मार्क्स लाए थे. फरवरी में उसकी मुलाकात हरीश से एक बस स्टैंड पर हुई. हरीश से लिफ्ट मांगने के बाद दोनों की दोस्ती हुई, जो धीरे-धीरे प्यार में बदल गई. दोनों व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम पर बातें करते थे.
दूध में नींद की गोली मिलाकर मारा
24 जून की रात को चंद्रिका के चाचा शिवराम ने उसे दूध में नींद की गोलियां मिलाकर दीं. जब वह बेहोश हो गई, तो पिता और चाचा ने मिलकर उसका गला दुपट्टे से घोंट दिया. इसके बाद उन्होंने इसे आत्महत्या दिखाने की कोशिश की. पहले परिवार ने कहा कि चंद्रिका की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई और जल्दी से उसका अंतिम संस्कार कर दिया बिना पोस्टमॉर्टम के इसके बाद लड़की के दोस्त हरीश ने पुलिस में शिकायत की और जांच की मांग की.
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लड़की के दोस्त ने क्या बताया?
उसने बताया कि चंद्रिका ने उसके साथ लिव-इन का करार किया था. वह अपनी पढ़ाई और जिंदगी अपने तरीके से जीना चाहती थी. लेकिन परिवार ने उसे जबरदस्ती गांव वापस ले जाया. जांच में चाचा शिवराम ने कबूल किया कि उन्होंने चंद्रिका की हत्या की, क्योंकि वह परिवार की ‘इज्जत’ को ठेस पहुंचा रही थी. पुलिस ने शिवराम को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन चंद्रिका का पिता अभी फरार है. पुलिस ने बताया कि चंद्रिका की मां को अब तक नहीं पता कि उनकी बेटी की हत्या हुई थी. उन्हें यही बताया गया कि उसकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई.