trendingNow12876949
Hindi News >>देश
Advertisement

गुजरात हाईकोर्ट का बड़ा फैसला; मुसलमान मौखिक सहमति से कर सकते हैं तलाक, लिखित समझौते की जरूरत नहीं

Muslim Personal Law Gujarat: गुजरात हाईकोर्ट ने अहम फैसले में कहा कि मुस्लिम विवाह को ‘मुबारत’ यानी आपसी मौखिक सहमति से खत्म किया जा सकता है, लिखित समझौते की जरूरत नहीं. यह निर्णय उन जोड़ों के लिए राहत है जो बिना कानूनी जटिलताओं के अलग होना चाहते हैं.  

गुजरात हाईकोर्ट का बड़ा फैसला; मुसलमान मौखिक सहमति से कर सकते हैं तलाक, लिखित समझौते की जरूरत नहीं
Shivam Tiwari|Updated: Aug 12, 2025, 10:24 AM IST
Share

Gujarat High Court big decision: गुजरात हाई कोर्ट ने एक अहम फैसले में साफ कर दिया है कि मुस्लिम विवाह को ‘मुबारत’ यानी आपसी सहमति से खत्म किया जा सकता है और इसके लिए लिखित समझौते की कोई जरूरत नहीं है. यह फैसला उन जोड़ों के लिए बड़ी राहत है जो अलग होने के लिए कानूनी जटिलताओं में उलझे बिना आपसी सहमति से तलाक लेना चाहते हैं.

कुरान और हदीस का हवाला

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस ए.वाई. कोगजे और जस्टिस एन.एस. संजय गौड़ा की बेंच ने यह फैसला सुनाते हुए कुरान और हदीस का हवाला दिया. कोर्ट ने कहा कि मुस्लिम विवाह को खत्म करने की प्रक्रिया धार्मिक ग्रंथों में पहले से बताई गई है और इसमें लिखित समझौते की अनिवार्यता का कोई प्रावधान नहीं है. बेंच ने स्पष्ट किया कि ‘मुबारत’ एक वैध तरीका है, जिसमें पति-पत्नी आपसी रजामंदी से अलग हो सकते हैं.

फैमिली कोर्ट का आदेश खारिज

यह फैसला उस मामले में आया, जिसमें राजकोट की फैमिली कोर्ट ने एक मुस्लिम कपल की मुबारत से तलाक की अर्जी को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि मामला फैमिली कोर्ट्स एक्ट की धारा 7 के तहत नहीं आता. फैमिली कोर्ट ने यह भी कहा था कि तलाक के लिए लिखित समझौते की जरूरत है. हाई कोर्ट ने इस तर्क को गलत ठहराते हुए कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ में ऐसी कोई शर्त नहीं है.

पति-पत्नी की आपसी सहमति का मामला

मामले में शामिल कपल का निकाह कुछ साल पहले हुआ था. समय के साथ दोनों के बीच विवाद बढ़ने लगे और उन्होंने अलग होने का फैसला किया. उन्होंने ‘मुबारत’ के जरिए अपना निकाह खत्म किया और फैमिली कोर्ट में आपसी रजामंदी से तलाक की अर्जी दी थी. हाई कोर्ट के इस फैसले से अब ऐसे कई मुस्लिम जोड़ों को कानूनी राहत मिलने का रास्ता साफ हो गया है, जो बिना विवाद और कागजी औपचारिकताओं के अलग होना चाहते हैं.

Read More
{}{}