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पाकिस्तान से 1 साल में नहीं लौटी एक भी नाव, आखिर कब रिहा किए जाएंगे जेल में बंद गुजराती मछुआरे

Gujarat News: पाकिस्तान की जेल में बंद मछुआरों को छुड़ाने की मांग एक बार फिर होने लगी है. इसे लेकर आज गुजरात विधानसभा में एक आंकड़ा पेश किया गया जिसमें गुजराती मछुआरों का जिक्र किया गया. 

 पाकिस्तान से 1 साल में नहीं लौटी एक भी नाव, आखिर कब रिहा किए जाएंगे जेल में बंद गुजराती मछुआरे
Abhinaw Tripathi |Updated: Mar 05, 2025, 08:41 PM IST
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Gujarat News: पाकिस्तान में बंद गुजराती मछुआरों की छुड़ाने की मांग एक बार फिर से होने लगी है. गुजरात सरकार ने बुधवार को विधानसभा को बताया कि 31 जनवरी तक कुल 144 गुजराती मछुआरे पाकिस्तानी जेलों में बंद थे. 1 फरवरी 2023 से 21 जनवरी 2024 तक एक साल में पाकिस्तान ने गुजरात के 432 मछुआरों को रिहा किया गया, इसके बाद किसी भी मछुआरों को रिहा नहीं किया गया. इसके अलावा कितनी नावें पाकिस्तान के कब्जे में है ये भी जानकारी दी. 

आई है कमी
सरकार के मुताबिक पाकिस्तान द्वारा गुजरात के मछुआरों की गिरफ्तारी की संख्या में भारी कमी आई है. 1 फरवरी, 2023 से 31 जनवरी, 2024 के बीच, पाकिस्तानी अधिकारियों ने गुजरात के केवल नौ मछुआरों को हिरासत में लिया. अगले वर्ष, 13 मछुआरों को गिरफ्तार किया गया, जो मामूली वृद्धि दर्शाता है. एक अलग जवाब में राज्य सरकार ने बताया कि गुजरात की 1,173 नावें भी पाकिस्तान के कब्जे में हैं. 

पाकिस्तान के कब्जे में भारत की नावें
एक अलग जवाब में राज्य सरकार ने बताया कि गुजरात की 1,173 नावें भी पाकिस्तान के कब्जे में हैं. पिछले दो वर्षों में पाकिस्तान ने 22 मछुआरों को हिरासत में लिया और चार नावों को जब्त किया. इस दौरान 432 मछुआरों को रिहा किया गया, लेकिन एक भी नाव वापस नहीं की गई.  अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) के पास भारतीय मछुआरों की गिरफ़्तारी का मुद्दा लंबे समय से चिंता का विषय बना हुआ है. इनकी रिहाई के लिए बार-बार कूटनीतिक प्रयास किए जा रहे हैं. 1 जुलाई, 2024 तक, 211 भारतीय मछुआरे पाकिस्तानी जेलों में बंद थे, जिनमें से 134 गुजरात के थे.

किया जा रहा प्रयास
हालांकि यह संख्या पिछले वर्षों की तुलना में काफी कम है. बता दें कि 31 दिसंबर, 2022 तक, कुल 560 गुजराती मछुआरे पाकिस्तान में कैद थे, जिनमें से 274 को 2021 और 2022 में पकड़ा गया. गिरफ्तारियों में कमी से पता चलता है कि इस मुद्दे को हल करने के लिए द्विपक्षीय प्रयास किए जा रहे हैं. 

इन सुधारों के बावजूद, मछुआरों की लंबे समय तक हिरासत में रहने से उनके परिवार और समुदाय प्रभावित हो रहे हैं. समय पर रिहाई सुनिश्चित करने और भविष्य में कैद को रोकने के लिए निरंतर राजनयिक जुड़ाव की जररूत महसूस की जा रही है. फरवरी में, 22 भारतीय मछुआरों को पाकिस्तान की एक जेल से रिहा किया गया था. उन्हें 2021-2022 के दौरान 'अनजाने में' पाकिस्तानी जलक्षेत्र में चले जाने के कारण हिरासत में लिया गया था. इनमें से 18 गुजरात के थे, तीन दीव के थे और एक उत्तर प्रदेश का निवासी था.  (आईएएनएस)

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