DNA Analysis: कंधे पर रखा कांवड़ एक पुल की तरह होता है जो साधक को शिव से जोड़ता है. लोक को परलोक से जोड़ता है. सांसारिकता को मोक्ष से जोड़ता है. इस पुल का पवित्र रहना आवश्यक है. इस पुल की पवित्रता को बनाए रखने के लिए कांवड़ियों को अपने आचरण की शुद्धता पर भी ध्यान रखना चाहिए. लेकिन गुजरात के वडोदरा में मुजपुर के पास बना 'भ्रष्टाचार' का पुल 9 जुलाई को ढह गया. इसमें 21 लोगों की मौत हो गई. रेस्क्यू ऑपरेशन अब भी जारी है. इसके बाद स्थानीय प्रशासन ने जो किया उसके बारे में जानकर आप अपना सिर पकड़ लेंगे. लोगों को दुर्घटना स्थल की ओर जाने से रोकने के लिए रविवार को रोड एंड बिल्डिंग डिपार्टमेंट ने एक दीवार ही खड़ी कर दी. इससे दीवार के उस पार 3 गाड़ियां फंस गईं.
#DNAWithRahulSinha | भ्रष्टाचार का पुल गिरा..वॉल किया खड़ा, रेस्क्यू के लिए लाए वाहन रेस्क्यू किए जा रहे #DNA #Bridge #Gujarat #VadodaraBridgeCollapse @RahulSinhaTV pic.twitter.com/JWv3tvFYVc
— Zee News (@ZeeNews) July 14, 2025
सवाल ये है कि क्या दीवार खड़ी करते वक्त किसी अधिकारी ने इन गाड़ियों को अटकी हुई नहीं देखा? और न दीवार खड़ी हो जाने के बाद किसी अफसर या कॉन्ट्रैक्टर ने देखा ?. कमाल ये है कि जब दीवार खड़ी की जा रही थी तब कुछ स्थानीय नागरिकों ने टोका था, फिर भी क्या गाड़ियों को निकाल लेने का बेसिक और सिंपल सा काम किसी अधिकारी को नहीं सूझा? फिलहाल 3 फुट की ये दीवार तोड़ी जा रही है. दीवार तोड़े जाने के बाद पुल दुर्घटना से प्रभावित लोगों के रेस्क्यू के लिए लाई गई इन तीनों सरकारी गाड़ियों को बाहर निकाला जाएगा. तब एक बार फिर यह दीवार खड़ी की जाएगी.
ये खबर सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रही है. एक यूजर ने लिखा है कि काम की गारंटी नहीं, लेकिन इस देश में एंटरटेनमेंट की फुल गारंटी है. किसी के लिए ये ट्रेजेडी है तो कोई इस खबर को कॉमेडी के तौर पर ले रहा है. आपके लिए यह खबर क्या मायने रखती है, ये आप खुद तय करें, लेकिन एक बात तो तय हो चुकी. वो यह कि वडोदरा के स्थानीय प्रशासन की मूर्खता और लापरवाही की कलई पूरी तरह से खुल चुकी.
इससे पहले आप हाल ही में चर्चा में आए मध्य प्रदेश के तीन पुलों के किस्से सुन ही चुके होंगे. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के 90 डिग्री वाले पुल की चर्चा देश भर के चौक चौराहों पर खूब हुई. यह पुल सोशल मीडिया पर जब खूब वायरल होने लगा तभी इंदौर के Z आकार वाला यानी दो 90 डिग्री वाला पुल सामने आ गया. बालाघाट तो इनसे भी आगे निकला. यहां न 90 डिग्री न Z, बल्कि X आकार वाला पुल बना डाला गया. इसके अलावा तंज में आठवां अजूबा कहा जाने वाला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के उस पुल को आप कैसे भूल सकते हैं जो सीधे घर में जाता है. बाद में उस इमारत को तोड़ कर पुल को आगे बढ़ाया गया. इसके अलावा 243 करोड़ के प्रोजेक्ट के तहत बना राजस्थान के अजमेर का पुल भी याद होगा जो खुलते ही बंद हो गया.
यानी एक के बाद एक ऐसे पुल हाल के दिनों में सामने आते रहे हैं. स्थानीय अधिकारियों और इंजीनियरों के भ्रष्टाचार, लापरवाही और बेवकूफियों की मिसालें गढ़ी जाती रही हैं. और जनता की गाढ़ी कमाई से अदा किए गए टैक्स के करोड़ों रुपए बर्बाद होते रहे हैं. शायद इन्हीं वजहों से मध्य प्रदेश की सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है. अब ऐसे अधिकारियों को स्कूल के बच्चों की तरह कंस्ट्रक्शन के नियम पढ़ाए जाएंगे. फिर PWD विभाग उनका एग्जाम लेगा. एग्जाम के रिजल्ट को देखकर ही अब फील्ड में पोस्टिंग की जाएगी. देखना ये है कि गुजरात की सरकार वडोदरा के पुल के पाप के लिए अधिकारियों को किस तरह का पाठ पढ़ाती है कि ऐसी गलतियां दोबारा न हों.
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