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क्या इतने बड़े लोकतंत्र में किसी ने ऐसा बलिदान दिया... सोनिया-मनमोहन का नाम, लेकिन डीके शिवकुमार के निशाने पर कौन?

DK Shivkumar News: कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने साल 2004 में सोनिया गांधी के प्रधानमंत्री पद से हटने और मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाने के फैसले की तारीफ है. इसके साथ ही उन्होंने राजनीति में सत्ता की साझेदारी पर बड़ी बात कह दी है.

क्या इतने बड़े लोकतंत्र में किसी ने ऐसा बलिदान दिया... सोनिया-मनमोहन का नाम, लेकिन डीके शिवकुमार के निशाने पर कौन?
Sumit Rai|Updated: Aug 04, 2025, 07:33 AM IST
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Who is DK Shivakumar Target: क्या इतने बड़े लोकतंत्र में किसी ने ऐसा बलिदान दिया है? क्या आज कोई एक छोटे से पद का भी त्याग करता है? ये बात कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने रविवार को दिल्ली में पार्टी के एक कार्यक्रम में कही. उन्होंने सत्ता साझा करने को लेकर सोनिया गांधी और गांधी परिवार की प्रशंसा करते हुए कुछ तीखी टिप्पणी की, जिसने कर्नाटक में शीर्ष पद को लेकर मची खींचतान के बीच राज्य के सीएम सिद्धारमैया को टेंशन बढ़ा दी है. इसके बाद से फिर सवाल उठने लगा है कि क्या कर्नाटक में अपने बॉस के साथ शिवकुमार की सियासी खींचतान की रार अभी थमी नहीं है.

राजनीतिक बलिदान की चर्चा कर किसे घेरना चाहते हैं शिवकुमार?

दिल्ली में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित 'संवैधानिक चुनौतियां' शीर्षक से एक कार्यक्रम में राजनीति में सत्ता के बंटवारे पर बात करते हुए डीके शिवकुमार ने गांधी परिवार की तारीफ की. इसके साथ ही कांग्रेस के साथ अपने लंबे कार्यकाल और कर्नाटक में पार्टी को सत्ता में लाने के अपने प्रयासों को भी उजागर करने की कोशिश की. उन्होंने 2004 में सोनिया गांधी के प्रधानमंत्री पद से हटने के फैसले की सराहना की और राजनीति में सत्ता के बंटवारे की बात की.

डीके शिवकुमार ने कहा, 'जब राष्ट्रपति ने सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के लिए कहा, तो उन्होंने कहा कि मेरे लिए सत्ता महत्वपूर्ण नहीं है. उन्होंने फैसला किया कि एक सिख, एक अल्पसंख्यक और एक अर्थशास्त्री देश को बचा सकते हैं और उन्हें प्रधानमंत्री बनना चाहिए.' शिवकुमार ने इसे राजनीतिक बलिदान का एक अद्वितीय कार्य बताया है.।

क्या इतने बड़े लोकतंत्र में किसी ने ऐसा बलिदान दिया है?

डीके शिवकुमार ने आगे कहा, 'क्या इतने बड़े लोकतंत्र में किसी ने ऐसा बलिदान दिया है? क्या आज कोई एक छोटे से पद का भी त्याग करता है? पंचायत स्तर पर भी कई लोग ऐसा नहीं करते. कुछ विधायक और मंत्री सत्ता साझा करते हैं, लेकिन हममें से कुछ लोग सत्ता साझा करने के लिए भी सहमत नहीं होते.'

तो क्या शिवकुमार के निशाने पर थे सीएम सिद्धारमैया?

हालांकि, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बीच सत्ता-साझा करने (Power Sharing) के समझौते के बारे में लगातार चल रही अटकलों की पृष्ठभूमि में उनकी टिप्पणी महत्वपूर्ण है. बता दें कि सिद्धारमैया ने हाल ही में ऐसी चर्चाओं पर विराम लगाते हुए दृढ़तापूर्वक कहा था कि सत्ता-साझेदारी को लेकर कोई समझौता नहीं हुआ है और वे कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे.

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