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हिमाचल में पानी का तांडव..घरों-स्कूलों में घुसा सैलाब, 37 मौतें-सैकड़ों लापता; 400 करोड़ का नुकसान

Himachal Rain: अब भी 250 से ज्यादा सड़कें बंद हैं. 500 से अधिक बिजली ट्रांसफॉर्मर बंद हैं और 700 से अधिक पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं. राज्य में फिर भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है.

Photo : PTI
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Gaurav Pandey|Updated: Jul 04, 2025, 10:20 AM IST
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Himachal Pradesh weather: हिमाचल प्रदेश में इस समय ऊपर वाले का तांडव मचा हुआ है. लगातार हो रही भारी बारिश ने तबाही मचा दी है. अब तक 37 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है जबकि 26 अन्य की जान सड़क हादसों में गई है. कितने गायब हैं इसका अंदाजा लगाया जा रहा है. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार 400 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का नुकसान हुआ है. अधिकारियों का कहना है कि असल नुकसान इससे कहीं ज्यादा हो सकता है क्योंकि राहत और बचाव कार्य अभी जारी हैं.

भारी बारिश का अलर्ट जारी..
असल में भारतीय मौसम विभाग IMD ने 7 जुलाई तक के लिए राज्य में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. मंडी सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में शामिल है. खासकर थुनाग सब-डिवीजन. जहां सड़कें बंद हैं और बिजली-पानी जैसी जरूरी सेवाएं पूरी तरह बाधित हो चुकी हैं. जिला प्रशासन ने कई इलाकों में राहत शिविर बनाए हैं और वायुसेना की मदद से खाने के पैकेट गिराए गए हैं.

गांव का गांव बर्बाद हो गया
एचटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के विशेष सचिव डीसी राणा ने बताया कि मंडी में ही 40 लोग लापता हैं और एक पूरा गांव बर्बाद हो गया है. उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता लोगों को सुरक्षित निकालने राहत पहुंचाने और सेवाएं बहाल करने की है. प्रभावित क्षेत्रों में पीडब्ल्यूडी.. जल शक्ति और बिजली विभाग के इंजीनियर लगातार काम में जुटे हैं.

राज्यभर में अब भी 250 से ज्यादा सड़कें बंद हैं. 500 से अधिक बिजली ट्रांसफॉर्मर बंद हैं और 700 से अधिक पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं. डीसी राणा ने कहा कि ये प्राकृतिक आपदाएं जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वॉर्मिंग का नतीजा हैं और हिमाचल भी अब इसकी चपेट में है.

इधर शिमला में लगातार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. स्कूलों में पानी घुस गया है, जिससे बच्चे डरे हुए हैं. एक छात्रा ने बताया कि क्लास में पानी भर गया है, कपड़े और किताबें भीग गई हैं. टीचर कह रहे हैं कि घर पर रहना ही बेहतर है. फिलहाल प्रशासन, पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्यों में जुटी हैं.

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