Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के प्रचार अभियान के बीच हैदराबाद के निजाम का रजाकार गिरोह बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है. देवेंद्र फडणवीस, असदुद्दीन ओवैसी और मल्लिकार्जन खड़गे के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए मंगलवार (12 नवंबर) को कांग्रेस पर बड़ा हमला बोलते रजाकारों का जिक्र किया. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे पर कड़ा पलटवार भी किया.
खड़गे जी मुझ पर गुस्सा मत करिए, हैदराबाद के निज़ाम पर करिए
अकोला की चुनावी रैली में योगी आदित्यनाथ ने साफ तौर पर कहा, 'आजकल कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे अनावश्यक रूप से मेरे ऊपर लाल-पीले हो रहे हैं, गुस्से में हैं. खड़गे जी मेरे ऊपर गुस्सा मत करिए, मैं तो आपकी उम्र का सम्मान करता हूं. आपको गुस्सा करना है तो हैदराबाद के निज़ाम पर करिए. जिस हैदराबाद के निज़ाम के रजाकारों ने आपके गांव को जलाया था, हिंदुओं को बेरहमी से मारा था. आपकी पूज्य माता को, बहन को, आपके परिवार के सदस्यों को जलाया था. इस सच्चाई को देश के सामने रखिए कि जब भी बटेंगे तो इसी प्रकार से निर्ममता से कटेंगे.'
खड़गे जी!
आपको गुस्सा करना है तो हैदराबाद के निजाम पर करिए। निजाम के रजाकारों ने आपके गांव को जलाया था, हिंदुओं की निर्मम हत्या की थी... pic.twitter.com/cRQI9ESgIO
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 12, 2024
'रजाकारों के हमले में मां और बहन की दुखद मौत पर खड़गे चुप'
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने दावा किया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जानबूझकर रजाकारों के हमले में अपनी मां और बहन की दुखद मौत पर चुप हैं, क्योंकि उन्हें मुस्लिम वोट खोने का डर है. खड़गे ने कुछ दिनों पहले ही संत और संन्यासी से राजनेता बने योगी आदित्यनाथ की भगवा पोशाक और "बटेंगे तो कटेंगे" नारे की जमकर आलोचना की थी. अब योगी आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र के अमरावती के अकोला में एक चुनावी रैली में खड़गे पर जोरदार पलटवार किया.
राजनीतिक स्वार्थ के लिए रजाकारों के दर्दनाक यादों को दबा रहे
योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस के दिग्गज नेता मल्लिकार्जुन खड़गे पर राजनीतिक स्वार्थ के लिए हैदराबाद के निजाम के रजाकारों द्वारा दिए गए इन दर्दनाक व्यक्तिगत यादों को दबाने का आरोप लगाया. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस वोट बैंक की राजनीति के लिए ऐतिहासिक अत्याचारों को नजरअंदाज करती है. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि खड़गे ने निजी नुकसान के बावजूद हैदराबाद के निजाम के अधीन रजाकारों के खतरनाक इतिहास को आसानी से भुला दिया है.
'रजाकारों ने मल्लिकार्जुन खड़गे के गांव वरवती को भी जलाया था'
योगी आदित्यनाथ ने दावा किया कि "(मल्लिकार्जुन) खड़गे के गांव, वरवती को भी रजाकारों ने जला दिया था. रजाकारों के इस हमले में खड़गे की मां, चाची और बहन की मौत हो गईं." उन्होंने आरोप लगाया कि खड़गे इस सच्चाई को दबा रहे हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि अगर वे निजाम की सेना द्वारा किए गए अत्याचारों के बारे में बोलेंगे तो वे मुस्लिम वोट खो सकते हैं. उन्होंने कहा, "कांग्रेस इतिहास को नकारने की कोशिश कर रही है और खड़गे ने वोट बैंक की राजनीति के लिए अपने परिवार के साथ जो हुआ उसे आसानी से भुला दिया है."
क्या और कौन था रजाकार? आजादी के बाद क्यों सुर्खियों में रहा
रजाकार एक अर्धसैनिक बल था जो हैदराबाद की पूर्ववर्ती रियासत में काम करता था. आजादी के बाद हैदराबाद के मुस्लिम निजामों के शासन को बनाए रखना और हैदराबाद को भारत में विलय होने से रोकना ही उसका मुख्य मकसद था. यूपी के सीएम ने अपने भाषण में आगे आरोप लगाया कि कांग्रेस के ऐतिहासिक नेतृत्व ने 1946 में मुस्लिम लीग के साथ समझौता किया, जिसके चलते भारत का विभाजन हुआ और बड़े पैमाने पर हिंदुओं की बेरहमी से हत्या की गई.
योगी आदित्यनाथ ने कहा, "स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान जब निज़ाम को एहसास हुआ कि वह स्वतंत्र नहीं रह सकता, तो उसने हिंदुओं की हत्या का सहारा लिया." उन्होंने दावा किया कि बी आर अंबेडकर ने हिंदुओं और अनुसूचित जातियों को उनकी सुरक्षा के लिए (निज़ाम शासित क्षेत्र से) महाराष्ट्र में जाने की सलाह दी थी.
महाराष्ट्र में लव जिहाद और भूमि जिहाद में वृद्धि, योगी ने लोगों को चेताया
योगी आदित्यनाथ ने देश के भीतर जारी विभाजन की तैयारी के खिलाफ भी चेतावनी दी. उन्होंने कहा, "अगर आप विभाजित हैं, तो आपकी बेटियां असुरक्षित हो जाएंगी, मंदिरों पर हमला होगा और समुदायों को निशाना बनाया जाएगा. जब आप एकजुट नहीं होते हैं, तो यही होता है." उन्होंने "महाराष्ट्र में लव जिहाद और भूमि जिहाद के मामलों में वृद्धि" के साथ तुलना करते हुए और पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों को दोषी ठहराते हुए हमला बोला.
कई नेता साधुओं के वेश में रहते हैं... खड़गे का योगी पर परोक्ष हमला
इससे पहले, एक चुनावी रैली के दौरान मल्लिकार्जुन खड़गे ने योगी आदित्यनाथ पर परोक्ष हमला करते हुए कहा था, "कई नेता साधुओं के वेश में रहते हैं और अब राजनेता बन गए हैं. एक तरफ, आप 'गेरुआ' (भगवा) कपड़े पहनते हैं, और दूसरी तरफ, आप कहते हैं 'बंटोगे तो कटोगे.' खड़गे ने कहा था, "मैं भाजपा से कहूंगा कि या तो सफेद कपड़े पहनिए या अगर आप संन्यासी हैं तो 'गेरुआ' कपड़े पहनिए, लेकिन फिर राजनीति से बाहर निकल जाइए."
मैं तो संन्यासी हूं, मेरा हर काम, देश के नाम- योगी का खड़गे को जवाब
योगी आदित्यनाथ ने इसका जवाब देते हुए कहा, 'खड़गे जी, यह सच्चाई देश और दुनिया के सामने रखिए. आप वोट बैंक के कारण इस सच्चाई को देश के सामने रखने से कोताही कर रहे हैं. आप देश के सामने धोखा कर रहे हैं. मैं तो संन्यासी हूं. मेरा हर काम, देश के नाम.' अकोला से पहले अचलपुर की सभा में भी योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस और खड़गे को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि हमारे लिए हर काम पहले देश के नाम, वहीं खड़गे जी के लिए कांग्रेस की तुष्टिकरण नीति पहले है.
देवेंद्र फडणवीस और असदुद्दीन ओवैसी के बीच मराठा बनाम रजाकार
दूसरी ओर, महाराष्ट्र चुनाव प्रचार के बीच हैदराबाद का निजाम और उसके नीचे काम करने वाला रजाकार गिरोह ध्रुवीकरण का औजार बनता जा रहा है. मतदान से पहले महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और एआईएमआईएम (AIMIM) के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी के बीच मराठा बनाम रजाकार की जुबानी जंग तूल पकड़ती जा रही है. फडणवीस ने ओवैसी पर निशाना साधते हुए कहा कि ये रजाकारों के वंशज हैं. जिन रजाकारों ने हमारे मराठवाड़ा के लोगों पर अत्याचार किए, जमीनें लूटी. हमारे परिवारों को तहस-नहस किया, ये उनके वारिस हैं. ये किस मुंह से हम से बात करेंगे.
रजाकारों के जिक्र से असहज होते ओवैसी महाराष्ट्र में क्यों हैं आक्रामक?
फडणवीस का बयान सुनकर लाल-पीले हुए ओवैसी ने कहा कि ये लोग मेरी जुबान का मुकाबला नहीं कर सकते. हालांकि, रजाकारों पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बयान हो या बॉलीवुड की फिल्म ओवैसी लगातार डिफेंसिव हो जाते हैं. क्योंकि रजाकारों का दागदार इतिहास उसके साथ ओवैसी का ऐतिहासिक और राजनैतिक जुड़ाव है. लेकिन महाराष्ट्र चुनाव में राज्य के 11.56 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण के लिए ओवैसी रजाकार कार्ड खेलने से बाज नहीं आते. क्योंकि महाराष्ट्र में 1 करोड़ 30 लाख से ज्यादा आबादी वाले मुस्लिम 38 विधानसभा सीटों पर 20 फीसदी से ज्यादा और 9 विधानसभा सीटों पर 40 फीसदी से ज्यादा बड़े वोट बैंक हैं.
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