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Mig-21: बांग्लादेश के जन्म से लेकर ऑपरेशन सिंदूर तक जिसने बनाई दुश्मन की कब्र, रिटायर हो रहा भारत का वो 'सूरमा'

Mig-21: एक जमाना था जब देश में मिग-21 की तूती बोलती थी, वो इतिहास बनने जा रहा है. जिंदगी में एक दिन ऐसा आता है जब रिटायर होना पड़ता है. उपयोगिता ज्यादा होती है तो एक्सटेंशन मिल जाता है. यही स्थिति है भारत के हवाई सीमा की रखवाली करने वाले मिग-21 की जो सितंबर में रिटायर हो जाएगा.

Mig-21: बांग्लादेश के जन्म से लेकर ऑपरेशन सिंदूर तक जिसने बनाई दुश्मन की कब्र, रिटायर हो रहा भारत का वो 'सूरमा'
Shwetank Ratnamber|Updated: Jul 22, 2025, 10:45 PM IST
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IAF to phase out MiG-21 fighter jets: भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) का जानदार लड़ाकू विमान Mig-21 करीब 60 साल की सेवा के बाद अगले सितंबर में यानी 90 दिनों के भीतर अधिकारिक रूप से रिटायर हो जाएगा. इसकी मौजूदा आखिरी स्क्वाड्रन 'पैंथर्स' को अब चंडीगढ़ एयरबेस पर 19 सितंबर को विदाई दी जाएगी. आपको बताते चलें कि ये भारतीय एयरफोर्स का ऐसा विमान था जिसने 1965 की जंग में पाकिस्तान को धूल चटाने से लेकर 2025 में आतंकवाद की कमर तोड़ने के लिए चलाए गए सैन्य अभियान 'ऑपरेशन सिंदूर' तक में अपना दम दिखाकर पाकिस्तान के दांत खट्टे कर दिए.

जब पाकिस्तान की तोड़ दी कमर

मिग-21 को साल 1963 में पहली बार एयरफोर्स के बेड़े में शामिल किया गया. मिग-21 भारत का पहला सुपरसोनिक जेट है. 1965, 1971, कारगिल और बालाकोट जैसे अभियानों में मिग 21 की अहम भूमिका रही है. मिग-21 के बचे हुए आखिरी स्क्वाड्रन वर्तमान में राजस्थान के नाल एयरबेस पर तैनात हैं.

कौन करेगा मिग-21 को रिप्लेस

बीते कुछ सालों में मिग-21 लगातार हादसों का शिकार हुआ तो इन्हें कॉफिन कॉकपिट कहा जाने लगा. मिग-21 लंबे समय से जांच के दायरे में है. LCA मार्क 1A विमान भारतीय वायुसेना में मिग-21 की जगह लेगा. कभी भारतीय वायुसेना के लड़ाकू बेड़े की रीढ़ रहे मिग-21 को जल्द ही अधिक आधुनिक और स्वदेशी रूप से विकसित हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस मार्क 1ए से बदल दिया जाएगा.

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के सीएमडी डी के सुनील ने कहा है कि भारतीय वायुसेना को मार्च 2026 तक कम से कम आधा दर्जन तेजस हल्के लड़ाकू विमान मिल जाएंगे. जिससे भारतीय वायुसेना को बड़ा फायदा होगा.

FAQ

सवाल- मिग-21 की आखिरी स्क्वाड्रन कहां तैनात है?
जवाब- बचे हुए आखिरी स्क्वाड्रन वर्तमान में राजस्थान के नाल एयरबेस पर तैनात हैं.

सवाल- मिग-21 का गौरवशाली इतिहास बताइए?
जवाब- 
1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध, 1999 का कारगिल युद्ध और 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम समेत कई सैन्य संघर्षों में इसका इस्तेमाल हुआ. 2019 में पाकिस्तान के टेरर कैंप पर हुई बालाकोट स्ट्राइक में इसने अपना दम दिखाया. ऑपरेशन में एक मिग-21 सवार विंग कमांडर अभिनंदन को पाकिस्तान ने पकड़ लिया गया था और भारत के दबाव में उन्हें सही सलामत भारत को सौंप दिया था.

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