1999 का कंधार हाई जैक तो सभी को याद होगा. भारतीय विमानन इतिहास की इस सबसे गंभीर घटना पर हाल ही में एक वेब सीरीज 'IC814' आई थी. 176 मुसाफिरों को लेकर नेपाल से दिल्ली के लिए उड़ान भरने वाले इस विमान का 5 आतंकवादियों ने हाईजैक कर लिया था. हाईजैकर्स ने विमान को अमृतसर में कुछ देर के लिए रुकने की इजाज़त दी लेकिन आखिर में उसे अफगानिस्तान के कंधार लैंड कराया. इस समय अफगानिस्तान में तालिबान का हकूमत थी और इस हाईजैक में तालिबान को खुद को मध्यस्थ के तौर पर पेश किया था लेकिन भारत सरकार को इस घटना में उसके किरदार हमेशा संदेह रहा है. लेकिन अब दोनों के देशों के बीच हालात सुधरते दिखाई दे रहे हैं.
हाल ही में विदेश सचिव विक्रम मिसरी की दुबई में अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री मावलवी आमिर खान मुत्तकी मुलाकात हुई है. इस मीटिंग के बाद भारत ने कहा कि वह अफगानिस्तान में डेवेलपमेंट से जुड़ी परियोजनाओं में शामिल होने पर विचार करेगा और मेडिकल क्षेत्र में देश की मदद करेगा. साथ ही अफगानिस्तान ने भी यकीन दिलाया है कि वो आइंदा अफगानिस्तान की जमीन को भारत के खिलाफ इस्तेमाल नहीं होने देगा. मिसरी और मुत्तकी के बीच यह मुलाकात अफगानिस्तान में पाकिस्तानी हवाई हमलों की भारत के ज़रिए की गई कड़ी निंदा दो दिन बाद हुई. हमले में दर्जनों नागरिक मारे गए थे.
Foreign Secy @VikramMisri met Acting Foreign Minister of Afghanistan Mawlawi Amir Khan Muttaqi in Dubai today.
Both sides discussed s ongoing humanitarian assistance to Afghanistan, bilateral issues and security situation in the region. India reiterated its commitment to… pic.twitter.com/a3UyuIqkAG
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) January 8, 2025
भारत ने अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को अभी तक मान्यता नहीं दी है और काबुल में एक समावेशी सरकार के गठन की वकालत कर रहा है. साथ ही अफगानिस्तान में मौजूद लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे पाकिस्तानी आतंकवादी समूहों के आतंकवादियों की मौजूदगी को लेकर फिक्रमंद है. ऐसे में भारत ने इस बात जोर दिया कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए नहीं किया जाना चाहिए. साथ ही अफगानिस्तान ने भी इसपर हामी पर भरी है. कहा है कि वो अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी भी कीमत पर भारत के खिलाफ नहीं होने देगा.
भारत पिछले कुछ वर्षों से अफगानिस्तान को मानवीय मदद मुहैया कर रहा है. भारत ने अब तक 50,000 मीट्रिक टन गेहूं, 300 टन दवाइयां, 27 टन भूकंप राहत सहायता, 40,000 लीटर कीटनाशक, पोलियो की 10 करोड़ खुराक, कोविड टीके की 15 लाख खुराक और 1.2 टन स्टेशनरी किट समेत कई खेप भेजी हैं.
बयान में कहा गया,'अफगान मंत्री ने अफगानिस्तान के लोगों के साथ जुड़े रहने और उनका सहयोग करने के लिए भारतीय नेतृत्व की सराहना की और उन्हें धन्यवाद दिया.' बयान कहा गया है कि दोनों पक्षों ने खेल (क्रिकेट) सहयोग को मजबूत करने पर भी चर्चा की, जिसे अफगानिस्तान की युवा पीढ़ी बहुत महत्व देती है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्ष संपर्क में बने रहने और अलग-अलग स्तर पर लगातार संपर्क जारी रखने को लेकर सहमत हुए हैं.
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