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ईरान पर अमेरिकी हमले को लेकर भारत का रिएक्शन सामने आया, जानें किसको क्या नसीहत दी

India on US airstrike on Iran: ईरान के परमाणु संयंत्रों पर अमेरिकी हमले को लेकर भारत की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. भारत ने कुछ देशों को परोक्ष अंदाज में बड़ी नसीहत युद्ध को लेकर दी है.  

US airstrikes Iran
US airstrikes Iran
Amrish Kumar Trivedi|Updated: Jun 22, 2025, 05:00 PM IST
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Indian Commerce Minister Piyush Goyal on US airstrike on Iran:ईरान-इजरायल युद्ध के बीच ईरानी परमाणु संयंत्रों पर अमेरिकी हमले पर भारत की प्रतिक्रिया भी आ गई है. हमले के कुछ घंटे बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ईरान के राष्ट्रपति मोहम्मद पेजेशकियान के बीच बातचीत हुई. पीएम मोदी ने हमले को लेकर गहरी चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि संवाद और कूटनीति से समस्याओं का हल निकाला जाना चाहिए. भारत ने तनाव घटाने और मध्य पूर्व में जल्द से जल्द शांति की अपील भी की. पीएम मोदी और पेजेशकियान के बीच 45 मिनट की बातचीत को बेहद अहम कूटनीतिक पहल माना जा रहा है. भारत के ईरान और इजरायल दोनों से ही अच्छे रिश्ते रहे हैं.

इससे पहले भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को संवाददाताओं के सवालों के जवाब में ये ऐसी ही प्रतिक्रिया दी है. पीयूष गोयल ने कहा, हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हमेशा यही सोच रही है कि युद्ध समस्याओं के हल का रास्ता नहीं है. संवाद और कूटनीति के रास्ते से ही इसका समाधान निकाला जाना चाहिए. 

पीएम मोदी ने भी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर कहा था कि आज जब पूरे विश्व में अशांति, तनाव और अस्थिरता बढ़ती जा रही है, तो ऐसे वक्त योग शांति की दिशा देता है. यह ऐसी समस्याओं पर विराम जैसा है. गौरतलब है कि ईरान-इजरायल युद्ध की शुरुआत से ही भारत का रुख सधा रहा है. भारत ने डायलॉग और डिप्लोमेसी के जरिये गतिरोध का हल निकालने की वकालत की है. ईरान और इजरायल दोनों ही भारत के मित्र देश हैं.

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी प्रतिक्रिया दी है.ओवैसी ने ईरान पर अमेरिकी हमले की निंदा की है.उन्होंने कहा कि ये हमला अंतरराष्ट्रीय कानून और यूएन चार्टर का उल्लंघन है. ऐसे हमलों से आप ईरान को रोक नहीं पाएंगे और अगले 5-10 सालों में वो परमाणु हथियारों से संपन्न देश बन जाएगा. अमेरिकी हमले के पहले ही ईरान ने अपने भंडार वहां से हटा लिए थे. कई अरब मुल्क ये मानते हैं कि उनके पास परमाणु ताकत होनी चाहिए.

ओवैसी ने कहा, अमेरिका ने अपनी संसद की मंजूरी के बिना ये हमला किया है. इसमें संयुक्त राष्ट्र के संविधान की धज्जियां उड़ाई गई हैं. ईरान अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी का सदस्य है.उसने परमाणु अप्रसार संधि (NPT) पर हस्ताक्षर किए हैं. ईरान पर हमले के बाद अब खाड़ी के बहुत सारे इस्लामिक देशों को लगेगा कि उनके पास परमाणु बम होना चाहिए.ये दुष्प्रचार खड़ा किया जा रहा है कि ईरान के पास परमाणु हथियार हैं. ऐसा ही प्रोपेगैंडा इराक और लीबिया के खिलाफ तैयार किया गया था, लेकिन वहां कुछ नहीं मिला.

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