Rose Scented Litchi: भारत ने पहली बार कतर के लिए गुलाब की खुशबू वाली लीची भेजी है. लीची की पहली खेप पंजाब के पठानकोट से रवाना हो गई है. सरकार बागवानी यानी फलों और सब्ज़ियों के निर्यात को बढ़ावा देना चाहती है. इसी मकसद के तहत केंद्र सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत एपीडा (APEDA) ने पंजाब सरकार के साथ मिलकर दोहा को लीची भेजी है. 23 जून को 1 मीट्रिक टन लीची कतर की राजधानी दोहा के लिए रवाना की गई.
इस लीची की खास बात है कि इसमें गुलाब जैसी खुशबू होती है. इससे किसानों को अच्छा मुनाफा मिलेगा और भारत के फलों की मांग विदेशों में भी बढ़ेगी. इसके अलावा, पठानकोट से दुबई को भी 0.5 मीट्रिक टन लीची का एक्सपोर्ट किया गया, जो डबल एक्सपोर्ट की कामयाबी है और ताजे फलों के ग्लोबर मार्केट में भारत की मौजूदगी को मजबूत करता है.
यह पहल भारत के बागवानी उत्पादों की उत्कृष्टता को दर्शाती है और देश की बढ़ती कृषि-निर्यात क्षमताओं को उजागर करती है. यह किसानों को उनके ताजे और हाई वैल्यू वाले उत्पादों के लिए इंटरनेशनल बाजार तक पहुंच प्रदान करके अपार मौके प्रदान करता है.
पंजाब का कुल लीची उत्पादन में 12.39 फिसदी का योगदान
राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के मुताबिक, फाइनेंस ईयर 2023-24 के लिए पंजाब का लीची पैदावार 71,490 मीट्रिक टन रहा, जो भारत के कुल लीची उत्पादन में 12.39 फिसदी का योगदान देता है. इसी अवधि के दौरान, भारत ने 639.53 मीट्रिक टन लीची का एक्सपोर्ट किया. खेती का रकबा 4,327 हेक्टेयर था, जिसकी औसत उपज 16,523 किलोग्राम/हेक्टेयर रही.
लीची की रवाना की गई खेप में प्रीमियम पठानकोट लीची का एक रीफर पैलेट शामिल है, जो इस इलाके के उत्पादकों के लिए एक बड़ा कदम है. प्रभात सिंह जैसे किसानों की सफलता पठानकोट की कैपेसिटी को दर्शाती है, जो गुणवत्तापूर्ण लीची की खेती और एक्सपोर्ट के लिए एक उभरते हुए केंद्र के रूप में अनुकूल कृषि-जलवायु परिस्थितियों से लाभान्वित है.
भारत का फलों और सब्जियों का निर्यात 3.87 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचा
फाइनेंस ईयर 2024-25 (अप्रैल-मार्च) के दौरान भारत का फलों और सब्जियों का निर्यात 3.87 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जो पिछले साल की तुलना में 5.67 फिसदी का इजाफा दर्शाता है. जबकि, आम, केले, अंगूर और संतरे फलों के निर्यात में हावी हैं. वहीं, चेरी, जामुन और लीची अब तेजी से इंटरनेशनल मार्केट्स में अपनी जगह बना रहे हैं. ये कोशिश कृषि-निर्यात का दायरा बढ़ाने, किसानों को सशक्त बनाने और भारतीय उपज की global competitiveness को बढ़ाने के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं.
इनपुट- IANS
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