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627000000000 की डील, दुश्मनों पर दहाड़ेगा भारत का 'प्रचंड'; चीन-पाकिस्तान भी कांपे

LCH combat Helicopters: भारतीय वायुसेना को जल्द ही 'प्रचंड' हेलीकॉप्टर्स मिलने वाले हैं. ये हेलीकॉप्टर्स 5,000 मीटर से ज्यादा की ऊंचाई पर लड़ने में सक्षम है. इससे रोजगार के अवसर भी खुलेंगे.     

627000000000 की डील, दुश्मनों पर दहाड़ेगा भारत का 'प्रचंड'; चीन-पाकिस्तान भी कांपे
Shruti Kaul |Updated: Mar 29, 2025, 09:04 AM IST
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Prachand Helicopters: भारतीय वायुसेना की ताकत में जल्द ही इजाफा होने वाला है. बता दें कि केंद्र सरकार ने शुक्रवार 28 मार्च 2025 को 156 लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टरों (LCH) 'प्रचंड' की खरीद के लिए मंजूरी दे दी है. यह फैसला कैबिनेट सुरक्षा समिति की एक बैठक में लिया गया है. रक्षा मंत्रालय ने इसके लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ( HAL) के साथ 62,700 करोड़ रुपये के 2 बड़े  समझौते पर हस्ताक्षर किए.   

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एयरफोर्स को मिलेंगे 'प्रचंड' हेलीकॉप्टर्स 
बता दें कि 156 प्रचंड हेलीकॉप्टरों में से कुल 66 हेलीकॉप्टर भारतीय वायु सेना को मिलेंगे. वहीं 90 हेलीकॉप्टर थल सेना को मिलेंगे. इन हेलीकॉप्टर्स को पाकिस्तान-चीन से सटी सीमाओं पर तैनात किया जाएगा. हेलीकॉप्टर्स का निर्माण बेंगलुरु और तुमकुर स्थित उनके प्लांट्स में ही होगा. हेलीकॉप्टरों की आपूर्ती कॉन्ट्रैक्ट के तीसरे साल से शुरु की जाएगी, जो अगले 5 सालों तक जारी रहेगी. 

हेलीकॉप्टर की खासियत 
प्रचंड हेलीकॉप्टर भारत का पहला स्वेदेशी रूप से विकसित और डिजाइन किया हुआ हेलीकॉप्टर है. यह 5,000 मीटर से ज्यादा की ऊंचाई पर लड़ने में सक्षम है. मिसाइलों से लैस यह हेलीकॉप्टर जमीन और हवा से हवा में हमला कर सकता है.  प्रचंड लड़ाकू हेलीकॉप्टर लद्दाख, सियाचिन और अरुणांचल प्रदेश के ऊंचे पर्वतीय इलाकों में दुश्मनों के लिए काल बन सकता है. इसकी अधिकतम स्पीड 463 किलोमीटर प्रति घंटा है. यह 20 मिलीमीटर की नोज गन और 7- मिलीमीटर की रॉकेट पॉड से लैस है. लेजर वार्निंग सिस्टम,  मिसाइल अप्रोच वार्निंग सिस्टम और रडार वार्निंग रिसीवर इस हेलीकॉप्टर की ताकत में इजाफा करते हैं. 

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रोजगार का मिलेगा अवसर 
बता दें कि प्रचंड हेलीकॉप्टर को बनाने के लिए 65 प्रतिशत से ज्यादा स्वदेशी सामानों का इस्तेमाल करने की योजना बनाई गई है, जिसमें 250 से ज्यादा घरेलू कंपनियां मौजूद होंगी. इनमें से ज्यादातर छोटे और मध्यम उद्दोग (MSME) होंगे. इस कॉनट्रैक्ट के बाद से 8,500 से ज्यादा नौकरियों के अवसर खुलेंगे, जिससे भारत के रक्षा उद्दोग और रोजगार में काफी फायदा होगा.  

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