trendingNow12601575
Hindi News >>देश
Advertisement

Quiz: 1 अप्रैल 1895 को हुई थी भारतीय सेना की स्थापना, फिर 15 जनवरी को क्यों मनाया जाता है सेना दिवस

Indian Army Day: भारतीय सेना दुनिया की चौथी सबसे ताकतवर सेना है. पूरा देश सेना दिवस को लेकर उत्साहित है. इस बार के सेना दिवस समारोह की थीम ‘समर्थ भारत, सक्षम सेना’ है.

Quiz: 1 अप्रैल 1895 को हुई थी भारतीय सेना की स्थापना, फिर 15 जनवरी को क्यों मनाया जाता है सेना दिवस
Shwetank Ratnamber|Updated: Jan 15, 2025, 11:58 AM IST
Share

Indian Army Day 15 January: ग्लोबल फायरपावर 2025 के मुताबिक दुनिया के 145 शक्तिशाली देशों की सूची में भारत चौथे स्थान पर है. भारत की सेना की ताकत से दुनिया वाकिफ है. यूएन (UN) के आह्वान पर दुनियाभर के मुश्किल हालातों को संभाल चुकी भारतीय फौज का जलवा दुनिया ने देखा है. हर साल देश में 15 जनवरी का दिन भारतीय थल सेना दिवस के तौर पर मनाया जाता है. इस बार आर्मी 77वां सेना दिवस मना रही है, परेड पुणे में हो रही है. 

सेना दिवस 15 जनवरी को क्यों मनाया जाता है?

भारतीय सेना का गठन ब्रिटिश इंडिया की अंग्रेज सरकार ने 1 अप्रैल, 1895 को किया था, तो सेना दिवस 15 जनवरी को क्यों मनाया जाता है. सवाल जायज है ऐसे में आइए आपको इसकी वजह बताते हैं कि आखिर ऐसा क्यों है? भारत की सेना का गठन ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना से हुआ था.

दरअसल 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से आजादी मिलने के बाद, 15 जनवरी, 1949 के दिन फ़ील्ड मार्शल केएम करिअप्पा ने भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ़ का पदभार संभाला था. इस ऐतिहासिक दिन को सेलिब्रेट करने और सेना के गौरवशाली अतीत को सम्मान देने के लिए इस दिन सेना दिवस मनाया जाता है.

हर साल 15 जनवरी को मनाया जाने वाला 'सेना दिवस' उस दिन की याद दिलाता है जब 1949 में फील्ड मार्शल केएम करिअप्पा भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ बने थे. इसके साथ ही 15 जनवरी का दिन देश की राष्ट्रीय सुरक्षा, शांति स्थापना और एकता को बढ़ावा देने में भारतीय सेना की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है.

15 जनवरी, 1949 को करीब 200 सालों के राज के बाद पहली बार किसी भारतीय को सेना की कमान सौंपी गई थी. फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ने जनरल फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना की कमान ली थी. फ्रांसिस बुचर भारतीय सेना के आखिरी ब्रिटिश कमांडर इन चीफ थे, वहीं जनरल करियप्पा आजाद भारत के पहले कमांडर-इन-चीफ थे. 

भारत की सेना की ताकत जानिए

एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय सशस्त्र बलों में एक्टिव सैनिकों की कुल संख्या 1455550 है. वहीं भारत के रिजर्व सैनिकों की संख्या 1155000 है. भारतीय सेना के पास 4205 टैंक हैं. भारतीय सेना के पास 148594 आर्मर्ड व्हीकल हैं. भारतीय सेना के पास 3975 टो आर्टिलरी हैं. भारतीय सेना के पास 264 रॉकेट लॉन्चर हैं.

इस खास मौके पर सेना देश की सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करते हुए अपने कई शक्तिशाली अस्त्र-शस्त्रों और अत्याधुनिक प्लेटफॉर्म का भी प्रदर्शन करेगी. रक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने बताया कि परेड में प्रदर्शित किए जाने वाले कुछ प्लेटफॉर्म में के9 वज्र स्व-चालित हॉवित्जर, BMP-2 सारथ इन्फैंट्री लड़ाकू वाहन, T-90 टैंक, स्वाति हथियार खोजी रडार, सर्वत्र पुल प्रणाली, मल्टी-बैरल रॉकेट प्रणाली, ATOR N 1200, ड्रोन्स को मार गिराने वाली प्रणाली और मोबाइल कम्युनिकेशन नोड शामिल हैं. प्रमुख आकर्षणों में ‘रोबोटिक खच्चर’ भी दिखाई देंगे.

सेना के अधिकारियों द्वारा साझा किए गए कार्यक्रम विवरण के अनुसार, मद्रास रेजिमेंट, मराठा लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट, आर्टिलरी रेजिमेंट, मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री, बॉम्बे इंजीनियर ग्रुप, आर्मी ऑर्डनेंस कोर, आर्मी सर्विस कोर के मार्चिंग दल परेड में हिस्सा लेंगे.

परंपरागत रूप से, वार्षिक सेना दिवस परेड दिल्ली में आयोजित की जाती रही है. लंबे समय से चली आ रही इस प्रथा में जनवरी 2023 में बदलाव देखा गया, जब परेड बेंगलुरु में आयोजित की गई, जो दक्षिणी कमान के अंतर्गत आता है.

सेना दिवस परेड 2024 की मेजबानी लखनऊ में की गई, जो मध्य कमान के अंतर्गत आता है. आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, दक्षिणी कमान के अंतर्गत 11 राज्य और चार केंद्र शासित प्रदेश आते हैं, जो देश के लगभग 41 प्रतिशत भूभाग के बराबर है.

Read More
{}{}