India On Trump tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीते दिनों दावा किया था कि भारत ने अमेरिकी इंपोर्ट पर टैरिफ में कटौती करने के लिए सहमति जताई है. ट्रंप ने कहा था कि भारत ने यह कदम इसलिए उठाया है क्योंकि कोई उसके अनफेयर प्रैक्टिस की पोल खोल रहा है. वहीं अब इसको लेकर भारत का कहना है कि उसने टैरिफ कम करने को लेकर अमेरिका को कोई कमिटमेंट नहीं दी है बल्कि इस मुद्दे को सुलझाने के लिए सितंबर तक का समय मांगा है.
व्यापार शुल्कों को लेकर समझौता
सोमवार 10 मार्च 2025 को विदेशी मामलों की एक संसदीय समिति को संबोधित करते हुए वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि भारत-अमेरिका केवल तत्काल टैरिफ एडजस्टमेंट के बदले पारस्परिक तौर पर लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते की तरफ काम कर रहे हैं. वाणिज्य सचिव ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच अभी बातचीत जारी है और व्यापार शुल्कों को लेकर फिलहाल कोई समझौता नहीं हुआ है.
टैरिफ पर भारत का स्टैंड
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस दावे पर चिंता जाहिर करते हुए जब समिति ने सवाल किया की आखिर भारत मेक्सिको, चीन और कनाडा की तरह टैरिफ को लेकर अपनी आवाज क्यों बुलंद नहीं कर रहा है तो इसको लेकर वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि भारत की इन दोनों देशों के साथ तुलना नहीं की जा सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि दोनों देशों के साथ अमेरिका की सुरक्षा चिंताएं और बॉर्डर इमिग्रेशन के मुद्दे हैं. वहीं उन्होंने कहा कि भारत फिलहाल पारस्परिक टैरिफ से बच सकता है.
भारत पर लगा पारस्परिक टैरिफ
बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर पारस्परिक टैरिफ ( Reciprocal Tariff) लगाने की बात कही है. इसकी घोषणा के कुछ दिन बाद ट्रंप ने कहा था कि भारत अमेरिका से बेहद ज्यादा टैरिफ वसूलता है. उन्होंने कहा,' भारत हमसे बेहद ज्यादा टैरिफ वसूलता है. बेहद ज्यादा. आप भारत में कुछ भी नहीं बेच सकते. वैसे वे अब सहमत हो गए हैं. भारत अब अपने टैरिफ में कटौती करना चाहता है क्योंकि कोई ऐसा आया है, जो उन्हें एक्सपोज कर रहा है.' अमेरिका ने 2 अप्रैल 2025 से रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की बात कही है.
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