India Defense Preparations against China Pakistan: पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के गिड़गिड़ाने पर भारत ने ऑपरेशन सिंदूर भले ही फिलहाल रोक रखा हो. लेकिन भारत की सरकार और सेना, दोनों इस बात को भली-भांति जानते हैं कि पाकिस्तान अपनी हरकतों से कभी बाज नहीं आएगा और मौका मिलते ही वह दूसरा वार फिर करेगा. इसलिए ऑपरेशन सिंदूर पार्ट-2 को अवश्यंभावी मानकर सरकार अपनी तैयारियों में जुटी है. सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए तीनों सेनाओं के हाथ मजबूत करने के लिए 67 हजार करोड़ रुपये के रक्षा खरीद सौदों को अपनी मंजूरी दे दी है. इस बजट से तीनों सेनाओं के अटैक और डिफेंसिव, दोनों प्रकार के घातक असलहे खरीदे जाएंगे, जिससे तीनों सेनाएं पहले से ज्यादा मारक बन जाएंगी और पाकिस्तान-चीन के किसी भी दुस्साहस का ज्यादा बेहतरी से जवाब दे पाएंगी.
67 हजार करोड़ रुपये के रक्षा सौदों को मंजूरी
तीनों सेनाओं को सामरिक रूप से मजबूत करने के लिए रक्षा अधिग्रहण परिषद ने मंगलवार को लगभग 67,000 करोड़ रुपये के रक्षा सौदों के प्रस्ताव को मंजूर किया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई परिषद की बैठक में इन खरीद सौदों पर मुहर लगाई गई. इस बजट से भारतीय सेना के लिए, बीएमपी के लिए थर्मल इमेजर-आधारित ड्राइवर नाइट साइट की खरीद की जाएगी.
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस फैसले से बीएमपी की रात्रिकालीन ड्राइविंग क्षमता में वृद्धि होगी और मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री को बेहतर स्पीड के साथ दुश्मन के इलाके में अपना ऑपरेशन कर पाएगी. वहीं भारतीय नौसेना के लिए कॉम्पैक्ट ऑटोनॉमस सरफेस क्राफ्ट, ब्रह्मोस फायर कंट्रोल सिस्टम और लॉन्चर की खरीद की जाएगी. इसके साथ ही बराक-1 पॉइंट डिफेंस मिसाइल सिस्टम को अपग्रेड करने के लिए भी नेवी को मंजूरी दी गई.
चीन की पनडुब्बियों को जलसमाधि देने की तैयारी!
कॉम्पैक्ट ऑटोनॉमस सरफेस क्राफ्ट की खरीद से भारतीय नौसेना को दुश्मन पनडुब्बी को ढूंढने, उसका वर्गीकरण करने और मौके पर ही उसे खत्म करने की क्षमता प्राप्त हो जाएगी. वहीं भारतीय वायु सेना के लिए, पर्वतीय राडार की खरीद को मंजूरी दी गई. इसके साथ ही सक्षम/स्पाइडर हथियार प्रणाली के अपग्रेडेशन के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी गई.
पर्वतीय राडार की खरीद से भारतीय वायुसेना को पर्वतीय इलाकों में सीमाओं पर और उसके पार दुश्मन के इलाकों पर भी हवाई निगरानी क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी. मंत्रालय ने आगे कहा कि एकीकृत वायु कमान एवं नियंत्रण प्रणाली के साथ एकीकरण हेतु सक्षम/स्पाइडर प्रणाली के अपग्रेडेशन से भारत की एयर डिफेंस क्षमता में जबरदस्त बढ़ोतरी होगी.
अबकी बार सशस्त्र ड्रोनों से होगा दुश्मन पर प्रहार
इसके साथ ही तीनों सेनाओं के लिए मध्यम ऊंचाई वाले लंबी दूरी के (MALE) रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट (RPA) यानी सशस्त्र ड्रोन की खरीद के प्रस्ताव को भी मंजूर किया गया. यह ड्रोन कई पेलोड और हथियार ले जा सकते हैं और लंबी दूरी के मिशनों को अंजाम दे सकते हैं. ये ड्रोन तीनों सेनाओं की चौबीसों घंटे निगरानी और युद्ध क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि करेंगे.
इसके अलावा परिषद ने भारतीय वायुसेना के मालवाहक बेड़े यानी C-17 और C-130J के रखरखाव के प्रस्ताव को भी स्वीकृत किया गया. साथ ही S-400 एयर डिफेंस सिस्टम के वार्षिक रखरखाव कांट्रेक्ट को अपनी सहमति दी गई.
चीन-पाकिस्तान के खिलाफ बढ़ जाएगी सामरिक क्षमता
डिफेंस एक्सपर्टों के मुताबिक, 67 हजार करोड़ रुपये की इस रक्षा खरीद से पाकिस्तान और चीन के खिलाफ भारत की सामरिक क्षमता जबरदस्त तरीके से बढ़ जाएग. इस बजट से हमलावर और रक्षा, दोनों प्रकार के असलहे खरीदे जाएंगे. जिससे नुकसान को कम से कम करते हुए दुश्मन को घातक चोट पहुंचाई जा सकेगी. जंग की स्थिति में ये तैयारियां निर्णायक सिद्ध होंगी, जिससे दुश्मन हर वक्त पलटवार के साये में जीने को मजबूर होगा.
(एजेंसी एएनआई)
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